जबलपुर जिले में कोरोना टीकाकरण में लगे स्टाफ को समुचित कार्ययोजना न होने के कारण अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 टीकाकरण सत्र सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आयोजित होता है, जिसमें स्टाफ को निर्धारित समय में पहुंचना होता है और कर्मचारियों की ड्यूटी प्रतिदिन नया रोस्टर बनाकर अलग अलग केन्द्रों में लगा दी जाती है, जिससे उन्हें केन्द्रों में पहुंचने में अत्यंत परेशानी होती है।
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्दों में भी कार्यक्षेत्र से 15 से 20 किमी दूर कोविड टीकाकरण में ड्यूटी लगाई जा रही है। 9 घंटे का कोविड टीकाकरण सत्र होने के कारण कर्मचारियों को लगभग 10 से 11 घंटे तक कोविड टीकाकरण केन्द्रों में रहकर कार्य करना पडता है।
इस दौरान उन्हें विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का स्वल्पाहार, चाय-नाश्ता, पीने का पानी व भोजन भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है और ना ही किसी भी प्रकार के परिवहन की व्यवस्था की जाती है। कोविड टीकाकरण में लगे स्टाफ एएनएम, स्टाफ नर्स, कम्प्यूटर ऑपरेटर, वेरीफायर को शासन के द्वारा दिये गये निर्देशों के बावजूद जबलपुर जिले एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विगत 3 माह से मानदेय भुगतान नहीं किया गया है, जिससे उनको जीवन यापन करना अत्यंत मुश्किल हो रहा है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डेय, ब्रजेश मिश्रा, परशुराम तिवारी, रामकृष्ण तिवारी, आशुतोष तिवारी, विजय गौतम, सुरेन्द्र जैन, चंदू जाउलकर, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, विजय कोष्टी, श्यामनारायण तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, नितिन शर्मा, संतोष तिवारी, मो. तारिक, महेश कोरी, विनय नामदेव आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि कोविड टीकाकरण में लगे स्टाफ का ड्यूटी रोस्टर निश्चित कर उनके निवास स्थान के पास के केन्द्र में ही टीकाकरण हेतु लगाई जाये।
इसके साथ ही टीकाकरण में लगे स्टाफ को स्वल्पाहार और पीने के पानी, भोजन की व्यवस्था की जाये तथा प्रतिमाह मानदेय भुगतान करने की व्यवस्था की जाये तथा मानदेय भुगतान न करने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।