विद्युत खरीदी दर कम करने के लिये सुनियोजित कार्य-योजना बनायें। ताप विद्युत गृहों एवं नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा से पॉवर पर्चेज एग्रीमेंट की समीक्षा करें। अनुपयोगी अनुबंधों को खत्म करें। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह निर्देश मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये।
उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादकों द्वारा प्रस्तुत देयकों के भौतिक सत्यापन की फुलप्रूफ मेकेनिज्म बनायें। किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिये। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिये जरूरी कार्यवाही करें।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिये विद्युत माँग एवं उपलब्धता की समीक्षा कर आगामी रबी सीजन में विद्युत उपलब्धता की कार्य-योजना अभी से बनायें। बैठक में कुसुम योजना के संबंध में भी चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि पॉवर बैंकिंग योजना से गत वर्ष 167 करोड़ रुपये की बचत हुई है। फ्लैक्सी प्लॉन लागू करने से लगभग 350 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
बैठक में विद्युत खरीदी दर को कम करने की कार्य-योजना, आगामी वर्षों में ऊर्जा की उपलब्धता, बिजली खरीदी लागत, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया से किये गये अनुबंधों और विद्युत की माँग एवं उपलब्धता की समीक्षा सहित अन्य बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, एमडी पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी आकाश त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।