मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी की द्वितीय लहर में कोरोना से मृत लोक सेवकों के आश्रित परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। जिसे हेतु जिले के कलेक्टर व विभागाध्यक्ष को एक अभियान के रूप में पीड़ित परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किये जाने के निर्देश हैं।
उक्त आदेश के परिपालन में प्रदेश में सकड़ों अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। दुर्भाग्य यह है कि कोरोना महामारी की प्रथम लहर में मृत लोक सेवकों के परिजन अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन करते हैं तो उनसे यह कह दिया जाता है कि सरकार का आदेश द्वितीय लहर में मृत लोक सेवकों के लिए है, प्रथम लहर वालों के लिए नहीं है।
जिससे कोरोना महामारी की प्रथम लहर में मृत लोक सेवकों के परिजन अपने आप का ठगा महसूस करते हुए सरकार पर इस दोहरे मापदण्ड का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त कर रहे है। मप्र सरकार का उक्त आदेश नैसर्गिक न्याय के विपरीत होकर एक ही पीड़ा से दुखी व आश्रय के लिए दोहरा मापदण्ड व्यक्त करने वाला है।
संघ के मिर्जा मंसूर बेग, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, सुनील राय, अजय सिंह ठाकुर, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्यामनारायण तिवारी, प्रणव साहू, राकेश उपाध्याय, मनोज सेन, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, प्रियांशु शुक्ला, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डेय, मनीष शुक्ला, राकेश पाण्डेय विनय नामदेव, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, ब्रजेश गोस्वामी, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिस्ती, पवन ताम्रकार, संजय श्रीवास्तव, आदित्य दीक्षित, संतोष कावेरिया, जय प्रकाश गुप्ता, आनंद रैकवार, वीरेन्द्र धुर्वे, मनोज पाठकर, सतीश पटेल आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोरोना महामारी की प्रथम लहर में मृत लोक सेवकों के परिजनों को भी अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिये जाने के आदेश जारी कर अभियान के रूप में अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाये ताकि उनके परिजनों को भी आर्थिक संबल मिल सके ।