मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम जनता के लिए सतत कार्य करने वाले ऊर्जा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करते हैं। हम सभी को इन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। विभिन्न क्षेत्रों में मध्यप्रदेश ने जो उपलब्धियाँ अर्जित की हैं, उनमें ऊर्जा विभाग का विशेष योगदान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में ऊर्जा संरक्षण, निर्बाध विद्युत प्रदाय एवं उपभोक्ता संतुष्टि पर कार्यशाला और सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मानित अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विकास के दिल की धड़कन बिजली है। दिल धड़कना बंद हुआ तो विकास खत्म। आज मध्यप्रदेश में अन्न के भण्डार भरे हैं। यह चमत्कार बिजली और बिजली विभाग के अमले के कारण हुआ है। मध्यप्रदेश ने गेहूँ का पूरे देश में रिकार्ड उत्पादन किया है। हम अनाज निर्यात कर रहे हैं।
सीएम चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश 24 घंटे बिजली देने वाला राज्य है। बिजली जहाँ कृषि, सिंचाई, शिक्षा,उद्योग क्षेत्र में मददगार बनी है, वहीं विद्युत की बिना बाधा आपूर्ति से ही बच्चों की पढ़ाई सही तरीके से हो पा रही है। ऊर्जा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और अन्य अमले का परिश्रम सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के समय भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जब आंधी और तूफान के कारण बिजली के खंभे गिरे थे और बिजली की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई थी, तब विभाग के अमले ने तत्परता से इनका सुधार कार्य कर बिजली सप्लाई थोड़े से समय में ही प्रारंभ कर दी थी। बिजली कर्मचारी इसके लिए दिन-रात जुटे थे। उन्होंने आधी रात को भी कार्य किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए करोड़ों रूपए की सब्सिडी प्रदान कर रही है। यदि गाँवों में जल जीवन मिशन से घर-घर में नल लगा कर पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है तो इसमें बिजली की सहायता से ही कार्य हो रहा है।
सीएम चौहान ने कहा कि बिजली की बचत के लिए जागरूकता अभियान आवश्यक है। जब बिजली की आवश्यकता न हो तो बिजली का स्विच बंद कर देना चाहिए। मैं स्वयं मुख्यमंत्री निवास में अनावश्यक जलती बिजली देख स्विच ऑफ करता हूँ। अन्य लोगों को भी कहता और टोकता हूँ। यदि बिजली फालतू जलती है तो यह जनता के पैसे का अपव्यय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को बिजली की बचत के प्रति जागरूक रहना चाहिए। ऊर्जा साक्षरता अभियान निरंतर चलता रहे। बिजली नहीं होगी तो विकास की गति ठप्प हो जाएगी। विभाग से संबंधित विभिन्न कमियां दूर करने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता की बिजली से जुड़ी अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए निरंतर सजग रही है।
सीएम चौहान ने कहा कि यह आवश्यक है कि सभी अधिकारी-कर्मचारी अपना कार्य बहुत आनंद के भाव के साथ करें। व्यक्ति के मन में एक तड़प होना चाहिए, यह तड़प ही कार्य करवाती है। मुख्यमंत्री ने आनंदपूर्वक गर्व के भाव के साथ कार्य करने के दृष्टांत भी सुनाए।
सीएम चौहान ने कहा कि ऊर्जा विभाग का अमला पूर्ण क्षमता के साथ कार्य करे। बिजली की चोरी होती है तो उसे रोकने का कार्य हो। ट्रांसफार्मर बिगड़े हैं तो सुधार किया जाए। विद्युत संबंधित व्यवस्थाओं और संधारण कार्यों के लिए तकनीक का उपयोग करें। पारेषण की हानि कम करने के प्रयास सराहनीय हैं, इन्हें जारी रखें। कहीं भी ट्रांसमिशन, जनरेशन और वितरण से जुड़े कार्यों में खामियाँ हैं तो उसे कम से कम कैसे करें, इसके लिए निरंतर प्रयास किए जाएँ।
सीएम चौहान ने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए मध्यप्रदेश ने रीवा सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर संयंत्र स्थापित किए। साँची प्रथम सोलर सिटी बनेगी। आगामी सौर ऊर्जा दिवस पर इसका कार्य पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य हो रहा है। यह मध्यप्रदेश की विशेष उपलब्धि रहेगी।
विद्युत वितरण कम्पनियों की संगठनात्मक संरचना में होगी वृद्धि
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि विद्युत वितरण कम्पनियों की संगठनात्मक संरचना में वृद्धि और अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में संशोधन के प्रस्ताव बनाये गये हैं। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि आज से 20 साल पहले बिजली की खपत 451 यूनिट प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष थी, जो अब बढ़ कर 1032 यूनिट हो गई है। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों में कम्पनियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सबसे बड़ा योगदान है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सरकार बिजली के लिये 24 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी देती है। शत-प्रतिशत मीटर लगाने की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही आकलित खपत के बिल देने की प्रक्रिया को जल्द बंद किया जायेगा।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि वर्ष 2030 तक बिजली की माँग का 50 प्रतिशत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा से पूरा किया जायेगा। उन्होंने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी। प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की उपलब्धियों की जानकारी दी।
पुरस्कृत अधिकारी-कर्मचारी
सीएम चौहान ने उल्लेखनीय कार्य करने पर पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड जबलपुर के सुशील कुमार पाल कार्यपालन अभियंता (उत्पादन) रानी अवन्तीबाई सागर जल विद्युत गृह बरगीनगर जिला जबलपुर, राकेश शाही सहायक अभियंता (उत्पादन) सतपुड़ा विद्युत गृह सारणी, सोहन चौहान कनिष्ठ अभियंता श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया खण्डवा, पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड जबलपुर के राजेश्वर सिंह ठाकुर तत्कालीन कार्यपालन अभियंता (श्योपुर), आशुतोष राय सहायक अभियंता, रामदयाल महारा लाइन परिचारक, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड, इंदौर के आशीष तिवारी सहायक यंत्री, विद्याचरण तिवारी कनिष्ठ यंत्री, गोपाल माली लाइनमेन, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड जबलपुर के विजय तिवारी कनिष्ठ अभियंता, श्रीमती प्रिया खादीकर, कनिष्ठ अभियंता और चन्द्रभान पटेल सहायक लाइनमेन, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड भोपाल के संदीप सिटोके सहायक प्रबंधक, रफीक खान लाइनमेन, नफीस खान लाइन हेल्पर, जगदीश राठौर सहायक लाइनमेन और कमलेश चन्द्र बाजपेई सहायक लाइनमेन, मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड भोपाल के प्रवीण तिवारी जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी, पीके कनौजे जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी और दीपक बुलानी जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी को पुरस्कृत किया।
कार्यक्रम के दौरान सीएम चौहान ने ऊर्जा साक्षरता अभियान के वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने कन्या-पूजन और दीप जला कर किया। अध्यक्ष ऊर्जा विकास निगम गिर्राज दंडोतिया, सचिव ऊर्जा एवं एमडी एमपी पावर मनेजमेंट कम्पनी विवेक पोरवाल, प्रबंध संचालक ऊर्जा विकास निगम कर्मवीर शर्मा सहित बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रदेश की ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियाँ
- आबादी के लिए 24 घंटे और कृषि को 10 घंटे निर्बाध बिजली
- मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना में 74.77 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के 4664 करोड़ रूपए से अधिक के बिल माफ
- बिजली संबंधी शिकायतों का केंद्रीकृत 1912 कॉल सेंटर, उपाय एप, स्मार्ट एप, निष्ठा वाइस बॉट से त्वरित समाधान।
- इंस्टेन्ट बिलिंग सिस्टम से उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के तत्काल बाद बिल।
- कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर( डीबीटी) योजना लागू।
- हरित ऊर्जा ट्रांसमिशन के लिए 2100 करोड़ रूपए के हरित ऊर्जा कॉरिडोर का निर्माण।
- सोलर रूफटॉप कनेक्शन को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन कनेक्शन प्रक्रिया।
- ऊर्जा संरक्षण जागरूकता के लिए प्रदेशव्यापी ऊर्जा साक्षरता “ऊषा” अभियान संचालित।