मध्य प्रदेश शासन द्वारा समस्त राज्य कर्मचारियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से आयुष्मान भारत निरामय योजना अंतर्गत एक आदेश जारी कर आयुष्मान कार्ड की सुविधा के तहत प्रदेश में कार्यरत समस्त शासकीय कर्मचारी, कार्यकर्ता, संविदा कर्मचारियों, आंगनवाडी कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाडी, पंचायन सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आशा तथा उषा कार्यकर्ता, आशा सुपरवाईजर, कोटवार को प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य सुरक्षा लाभ स्वीकृत किया गया है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि परंतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त आदेश का पालन न करने पर कर्मचारियों को गंभीर बीमारी में स्वयं के व्यय से इलाज कराना पड़ रहा है, जिससे धन के अभाव में इलाज न करा पाने के कारण उसकी अकाल मृत्यु तक हो जाती है, जिससे परिवार को अत्यंत परेशानियों का सामना करना पडता है। शासन द्वारा अपने प्रदेश के कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का लाभ प्रदान करने हेतु आदेश देने के उपरांत भी कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का लाभ प्रदान नहीं किया किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का लाभ ही प्रदान करे, जिससे गंभीर बीमार शासकीय कर्मचारियों का इलाज हो सके और उनके परिवार को आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना न करना पड़े।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, अंकित चौरसिया, प्रवीण वर्मा, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, परशुराम तिवारी, राकेश वर्मा, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, अनिल दुबे, शैलेन्द्र दुबे आदि ने प्रमुख सचिव मप्र शासन से मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग के समस्त कर्मचारियों को आयुष्मान निरामय योजना का लाभ दिलाया जाये।