मुख्यमंत्री ड़ॉ. मोहन यादव ने कहा कि जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर रोजगार आधारित औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए पांच वर्षीय रोडमेप तैयार किया जाएगा। साथ ही प्रदेश और जिलों के उद्योगपतियों की जिला स्तर पर इन्वेस्टर समिट आयोजित की जायेगी।
उन्होंने कहा कि अभी भी कई सेक्टर ऐसे है जहां निवेश और रोजगार के असीमित अवसर है। उन सेक्टरों पर फोकस किया जाएगा। उन्होने स्थानीय उद्योगपतियों को प्रोत्साहित किया जायेगा। मुख्यकमंत्री ड़ॉ. यादव ने आज जबलपुर में आयोजित विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये।
उन्होंने जनजातीय जिलों बालाघाट, मंडला और डिंडोरी की वनीय परिस्थितियों को देखते हुए कहा कि उद्योगों के लिए जहां बिजली की समस्या है वहां के लिए एक अलग योजना और कार्यक्रम बनाया जायेगा। इन क्षेत्रों में वहां की जलवायु और परिस्थितियों को देखते हुए पशुपालन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ड़ॉ. यादव ने इन जिलों में माइनिंग और डेयरी व्यवसाय पर फोकस करने को कहा।
विगत तीन वर्षों में हुआ महाकौशल क्षेत्र में निवेश
प्रमुख सचिव उद्योग संजय शुक्ला ने पिछले तीन माहों में महाकौशल क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र में आये व्यापक बदलाव की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि महाकौशल में 9 सेक्टरों में सीमेंट, टेक्सटाइल, लोहा एवं इस्पात, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, एथेनॉल, इंजीनियरिंग, एफएमसीजी और निर्माण सामग्री में बदलाव आया है। तीन महीनों में 9567 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है जबकि 19हजार 716 लोगों के लिए नए रोजगार सृजित हुए है।
महाकौशल में प्रस्तावित नई परियोजनाएं
राज्य शासन के उद्योग विभाग द्वारा महाकौशल क्षेत्र में आगामी नवीन परियोजनाओं की तैयारी की गई है। इनमें सिहोरा में 1379 एकड़ क्षेत्र में प्रमुख अधोसंरचना (ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर) कार्य प्रस्तावित है। इसकी अनुमानित लागत 240 करोड़ रुपये है। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र बुरकलखापा सिवनी में 11 करोड़ रुपये की लागत के कार्य, ग्राम सिमरा एवं कैलवारा खुर्द, कटनी के रहती में ही लगभग 400 एकड़ में कटनी से 20 किमी. दूर व स्टेट हाईवे से 3 किमी. और हरदुआ रेलवे स्टेशन से 1 किमी दूरी पर स्थापित करने की योजना है।
महाकौशल में निर्माणाधीन परियोजनायें और नवीन औद्योगिक क्षेत्र
औद्योगिक क्षेत्र उमरिया डंगरिया, जिला जबलपुर का विस्तार 60.5 एकड़ में किया जा रहा है। इंडस्ट्रियल पार्क नरसिंहपुर-दो का विकास, औद्योगिक क्षेत्र टिकरिया कटनी का विकास 7.72 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र हरगड़ में 19.22 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। साथ ही औद्योगिक विकास केंद्र मनेरी मंडला में 45.36 करोड़ से डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाइन का कार्य चल रहा है। औद्योगिक विकास केंद्र मनेरी मंडला में भी 19.56 करोड़ की लागत से विस्तार कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जबलपुर नगर विकास की नई अवधारणा को सराहा
विकास कार्यो की समीक्षा बैठक में जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने मध्य भारत के सुनियोजित शहर निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत की। जिसमें नमामि देवी नर्मदे परियोजना को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें स्थानीय 18 घाटों को एक दूसरे से ऐसे कनेक्ट किया जाएगा। इससे पर्यटन के अवसर बनेंगे। इन सभी घाटों पर 15 से 20 मिनट में सुगमता से आवागमन किया जा सकेगा। इसी में आरोग्य धाम ग्राम भी विकसित होगा।
इसके अलावा 15 वें वित्त आयोग के ईनक्यूबेशन ऑफ 8 न्यू सिटीज के तहत जबलपुर में टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर का प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किया गया है। इसकी कुल लागत 3727.16 करोड़ रुपये है। इस योजना का कुल क्षेत्र 332 हेक्टेयर प्रस्तावित है। इसमें पूर्व से जबलपुर के गारमेंट व्यवसाय का विस्तार करने के लिए जबलपुर टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर प्रस्तावित किया गया है। जो पर्यावरण को ध्यान में रखतें हुए नेट जीरो डिस्चार्ज एवं ग्रीन प्रौद्योगिकी का समावेश शामिल है।
साथ ही पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के माध्यम से होटल, अस्पताल, स्कूल, मॉल, लॉजिस्टिक पार्क, हाइराइज एवं अन्य रहवासी इमारतों का निर्माण किया जाएगा। प्रस्तावित क्लस्टर से 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से तथा 20 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन की संभावना बताई गई है। वहीं ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण राज्य शासन के सहयोग से किये जाने की जानकारी दी गई।