साहित्यकविता शायद इसी को कहते हैं प्यार: अनामिका गुप्ता By Editor In Chief - February 3, 2024 WhatsAppTwitterFacebookKooCopy URL अनामिका गुप्ता सीखा नहीं लिखनाबस…उभर जाते हैं जज्बात पन्नो पर करते ही तेरा तसव्वुररहता नहीं इख्तियारमेरा, मेरे जज्बातों पर मंजिल है मेरीबस तू और तेरा दीदारहर घड़ी तेरी बातेंहर घड़ी तेरा ख्यालशायद इसी को कहते हैं प्यार