Sunday, November 16, 2025
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भस्म आरती में हुआ बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, उमड़ा भक्तों का सैलाब

उज्जैन, (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने लाइन में लगकर अपने ईष्ट देव के दर्शन किए। वहीं, उज्जैन में आज शाम 4 बजे भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास की पहली सवारी निकलेगी। इस दौरान अवंतिकानाथ नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि सोमवार तड़के 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। पंडे-पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद दूध, दही, घी, शकर और फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया गया। भगवान महाकाल का ड्रायफ्रूट की माला, रजत त्रिपुण्ड, मुकुट और आभूषण से दिव्य श्रृंगार किया गया। इस दिव्य दर्शनों का लाभ हजारों भक्तों ने लिया और जय श्री महाकाल का जयघोष भी किया। इससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

इससे पहले प्रथम घंटाल बजाकर मंदिर में प्रवेश करते ही भगवान का ध्यान कर मंत्र उच्चार के साथ हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग, चंदन और त्रिपुण्ड अर्पित कर ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई। भस्म अर्पित करने के बाद शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगन्धित पुष्प से बनी माला अर्पित की गई।

भगवान महाकाल ने मोगरे और गुलाब के सुगंधित पुष्प धारण किए। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।

इधर, भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों की आज से शुरुआत हो रही है। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान भगवान महाकाल मनमहेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे।

बाबा महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होती हुई शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां शिप्रा के जल से पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होकर पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

मंदिर समिति के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने बताया कि इस बार सवारी का आकर्षण बढ़ाने के लिए एक खास प्रयोग किया जा रहा है। पहली बार श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का बैंड भी सवारी में शामिल होगा। इसमें 30 सदस्य हैं, जो विभिन्न वाद्य यंत्रों से भक्ति गीत और भजनों की प्रस्तुति देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपावली के दिन इस बैंड का शुभारंभ किया था। सवारी में पारंपरिक रूप से पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल और भजन संध्या के सदस्य भी शामिल रहेंगे।

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