Friday, July 11, 2025
Homeआस्थागुरु पूर्णिमा 2025: गुरु पूजन की तिथि, शुभ मुहूर्त और भद्राकाल

गुरु पूर्णिमा 2025: गुरु पूजन की तिथि, शुभ मुहूर्त और भद्राकाल

हिन्दू संस्कृति में हर वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिवस भी गुरु पूर्णिमा के दिन माना जाता है। वे संस्कृत के महान विद्वान थे और महाभारत जैसा महाकाव्य उन्होंने ही लिखा था। इसी के अठारहवें अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण गीता का उपदेश देते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार सभी 18 पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी इन्हीं को दिया जाता है। इसी कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। वेदव्यास को आदिगुरु भी कहा जाता है, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष गुरु पूर्णिमा गुरुवार 10 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ गुरुवार 10 जुलाई 2025 को तड़के 1:36 (AM) बजे होगा और पूर्णिमा तिथि का समापन शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को तड़के 2:06 (AM) बजे होगा। इस बार गुरु पूर्णिमा पर इंद्र योग बन रहा है। इंद्र योग प्रात:काल से लेकर रात 9:38 बजे तक रहेगा, उसके बाद से वैधृति योग बनेगा।

गुरु पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4:10 बजे से प्रातः 4:50 बजे तक है, अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक है। गुरु पूर्णिमा पर विजय मुहूर्त दोपहर में 2:45 बजे से दोपहर 3:40 बजे तक है। 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन भद्रा लग रही है। भद्रा का समय सुबह में 5:31 बजे से दोपहर 1:55 बजे तक है। इस भद्रा का वास स्थान पाताल लोक है। पाताल की भद्रा का दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होगा, ऐसे में आप शुभ कार्य कर सकते हैं।

Related Articles

Latest News