दस महाविद्याओं की साधना का महापर्व गुप्त नवरात्रि

वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं दो प्रकट नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। इन्हीं दो गुप्त नवरात्रि में से एक गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आज सोमवार 19 जून 2023 से शुरू होगी और बुधवार 28 जून 2023 को इसका समापन होगा गुप्त नवरात्रि के दौरान कई साधक महाविद्या के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।

गुप्त नवरात्रि पर्व में माँ दुर्गा के दस महाविद्या के स्वरूप में आराधना की जाती है, समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए माँ की गुप्त रूप से साधना होती है, गुप्त नवरात्रि में साधक तंत्रिक पूजन से भी माँ भगवती की आराधना करके प्रशन्न करते है। अनेक प्रकार की तांत्रिक साधनाये भी की जाति है।

गुप्त नवरात्रि में विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्ति के लिए कुछ मंत्र

पति प्राप्ति के लिये मंत्र

कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि
नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नमः

पत्नी प्राप्ति के मंत्र

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्।
तारिणींदुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम।।

शत्रु पर विजय और शांति प्राप्ति के लिए

सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्।।

बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए

सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय।।

इन सभी मंत्रों के जाप आपको किसी योग्य ब्राह्मण से करवाना चाहिए। विश्वास करें माता की कृपा से अगर पूर्ण विश्वास के साथ और पूर्ण कर्मकांड के साथ जाप किया जाता है तो अवश्य लाभ होता है।