माँ
जिसके आँचल में बस प्यार है,
जिसकी फटकार में भी दुलार है,
संसार के हर मूरत से तू भली,
माँ तेरे आँचल के तले ज़िन्दगी ये ढली,
तेरे अंदर ये दुनिया समायी है,
तेरी गोद में ही तो जन्नत पायी है
जीवन जो जीना तुमने ही सिखाया,
तुम्हे ही हमने हर रिश्तों से बड़ा पाया
तुमसे ही तो है हमारा जीवन,
तुम हो तभी खुशहाल है घर का आँगन,
तुम्हारी जगह कोई न ले पायेगा,
इस जग में कोई तुम्हे क्या दे पायेगा,
तुम तो हो ममता की वह मूरत,
जग में सबसे भली तेरी ही सूरत,
भला माँ की जगह क्या कोई ले पायेगा,
कोई भला तुझे क्या तोहफा दे पायेगा,
तू ईश्वर का ऐसा वरदान
जिसके बिना हमारा जीवन है सुनसान,
जिनके सर पर नहीं होता माँ का हाथ,
जीवन में फिर कुछ नहीं होता उनके पास
-प्रियंका प्रिया
मुजफ्फरपुर, बिहार