कविता स्वयं एक कहानी है,
एक मीठी-मीठी सी वाणी है,
कभी हमारी, कभी तुम्हारी,
किसी की ज़िंदगानी है,
कविता स्वयं एक कहानी है।।
ये किसी के दिल का समंदर है,
जो छिपा आँखों के अन्दर है,
तो कभी बहता हुआ पानी है,
कविता स्वयं एक कहानी है।।
कभी बहते हुए जज़्बात है,
तो कभी अनकही सी बात है,
ये ज़िन्दगी की रवानी है,
कविता स्वयं एक कहानी है।।
किसी का अथक प्रयास है,
सुरों से सजा हुआ साज़ है,
ये लयबद्ध जुबानी है,
कविता स्वयं एक कहानी है।।
ये अक्षरों का मेला है,
जिसमें मात्राओं का खेला है,
‘मेरे शब्द’ की नायाब निशानी है,
कविता स्वयं एक कहानी है।।
-सोनल ओमर