जीवन की कड़कती धूप में
अपने आंचल से ठंडी छांव देती है माँ
खुद की थकान भूलकर
हमारी थकान मिटाती है माँ
बच्चों की हर तकलीफ पर
उससे ज्यादा रोती है माँ
जीवन के हर सफर में
ऊंगली पकड़कर चलना सिखाती है माँ
कई रिश्ते आए गए जीवन में
सभी को अच्छे से निभाना सिखाती है माँ
-ममता रथ