Tuesday, November 26, 2024

आज का ये दौर यूज एंड थ्रो सा: सीमा शर्मा ‘तमन्ना’

सीमा शर्मा ‘तमन्ना’
नोएडा उत्तर प्रदेश

ज़रा याद कीजिए वो पुराना दौर हुज़ूर
आदमी जब सभी के संग बैठकर
ज़मीन पर पत्तल में खाया करता था
था एहसास एक दूजे के जज्बातों का
वह दर्द, चेहरे देख समझ जाया करता था
दूर न हो जाए कोई किसी से कभी सोचकर
वो बात उसका कलेजा मुंह को आता था

बाट जोहता पल पल था मेहमानों के आने की
देखकर उन्हें खुशी से फूलों नहीं समाता था
करने स्वागत सत्कार उनका पूरा परिवार
मानों उस पल आवभगत में बिछ जाता था
बेशक घर बहुत छोटे थे पर, फिक्र न थी कोई
क्योंकि
उन्हें वह अपनी पलकों पर जो बिठाता था
फिर दौर वह आया जब उसने मिट्टी के बने
बर्तनों में परोसना और खाना-पीना शुरू किया
मिट्टी से ख़ुद का जुड़ाव कुछ इस तरह महसूस किया
धीरे-धीरे जैसे-जैसे यह वक्त बदलता गया
अपनाकर पीतल वह रिश्तों को भी उनकी तरह बस
सालछ: महीने में एक दो बार चमकाता गया
लेकिन आज के दौर की महिमा अज़ब निराली है
पत्तल, पीतल और स्टील की जगह कांच ने ले डाली है
जो हल्की सी चोट खाते ही चूर-चूर हो जाते हैं
इसी भाव के कारण ही आज रिश्ते बिखर जाते हैं
टूटकर बिखरते हैं ऐसे कि सम्हालने में नहीं आते हैं
देते दर्द इस क़दर जब उनके कांच सीने में चुभ जाते हैं
अब आलम न पूछिए आज का क्या से क्या हो गया
खाने के पात्रों में अब इस्तेमाल पेपर थर्माकोल हो रहा
हर रिश्ता भी काग़ज़ और थर्माकोल जैसे हो आया है
कमाल देखिए सिर्फ जरुरत के लिए बनाते हैं और
पूरी हो जाने पर डस्टबीन में यूज़ एंड थ्रो सा पाया है

ये भी पढ़ें

Latest