मैं सभ्य, सुंदर सलोनी ‘सोनल ओमर’ हूँ।
शिक्षा से मिटाती जीवन का तिमिर हूँ।।
जन्म हुआ कानपुर में वहीं पर मैं पली-बढ़ी।
एक दृढ़ वृक्ष की मैं हूँ सौम्य-सी एक कली।।
उलझे ख़्वाबों में जिद का थोड़ा स्वाद हूँ मैं
सब गगन में कैद, पिंजरे में आजाद हूँ मैं।।
विराट हिंदी साहित्य की एक नन्हीं-सी विद्यार्थी हूँ।
दर्शनशास्त्र निष्णात हेतु प्रवासी जीवन की शोधार्थी हूँ।।
मेरे लेखन-यात्रा का उस दिन आगाज़ हुआ था।
जब मैंने भावनाओं की अभिव्यक्ति का प्रयास किया था।।
लिखने को तो रोज ही कुछ-न-कुछ लिखती हूँ।
अक्सर किसी-न-किसी पत्र-पत्रिका में दिखती हूँ।।
हर दिन कुछ नया सीखना चाहती हूँ।
हाँ! मैं एक लेखिका बनना चाहती हूँ।।
सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश