प्रियंका महंत
है जिसकी कर्त्तव्यनिष्ठा और कर्म महान।
माँ भारती के लिए है, वो एक वरदान।।
वो जिंदा है तब तलक, कोई पहुंचा ना सकेगा
मातृभूमि को नुकसान।
ये देश खुशहाल रहे सदा, है हरपल कोशिश
यही चाहे आंधी आये या तूफान।।
अनथक मेहनत कर लक्ष्य तक पहुंचना,
ये सैनिक का है अरमान।
देशवासियों के दिलों में रहने वाले,
है ना तुमसे कोई धनवान।।
देश को एक परिवार मानकर,
बढ़ाता है देश का गौरव, सम्मान।
दुश्मनों से देश की रक्षा कर,
है सच्चा देश-भक्त उस पर हमें है अभिमान।।
लोहे की काया सरहद पर रहता है,
ऐसे सीना तान।
देश प्रेम पर मर मिटने वाला,
ऐसा है वो बलवान।।
माँ भारती के लिए स्वयं ही,
हो जाता है कुर्बान।
आंच ना आने देता, चाहे श्मसान बन
जाये वह स्थान।।
राष्ट्र को जिसका तन-मन-धन अर्पित।
भूल ना जाये ये दुनिया जहान।
आंसू की बस दो बूंदें उसकी,
कब्र पर बहाना ऐ हिन्दुस्तान।।