आशा
सहायक प्राध्यापिका
गुरु नानक खालसा कालेज फाॅर विमेन,
लुधियाना, पंजाब
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कवि हूँ मैं,
साहित्य जगत का रवि हूँ मैं
मैं अपनी भाषा सौंदर्यपरक,
प्रस्तुत हूँ करता
लयबद्ध जैसे गुणों का,
यथा सम्भव उपयोग हूँ करता
मैं भावों को रसाभिषिक्त से हूँ,
अभिव्यक्त करता
आदर्शवादी समाज में भी ,
यथार्थ को हूँ वर्णित करता
लाता हूँ मैं अपने विचारों से,
समाज में नई क्रांति
कलम की ताकत से मिटाता हूँ
सबके हृदय की भ्रांति
मैं मानता हूँ खुद को उस परमात्मा का भक्त
कलम के सियाही को, बनाता हूँ मैं रक्त
जैसे देश भक्ति केवल बोल कर नहीं है की जाती,
वैसे ही कलम बिना बोले अपना फर्ज है निभाती
कवि हूँ, इसलिए इक छोटी सी उम्मीद हूँ मैं रखता,
एक दिन इस दुनिया से युद्ध खत्म होंगे तभी
जब कवि की कलम ही काफी होगी क्रांति लाने में,
जब कवि की कलम ही काफी होगी क्रांति लाने में