फर्क: उषा किरण

उषा किरण
पटना

तुमने कहा था
तुम जिस वक्त
मुझसे मिली थी
उस वक्त मुझे
तुमपे तरस आ गया था
और जानते हो
उसी वक्त मुझे
तुमसे प्यार हो गया था
फर्क सिर्फ इतना था
कि तुम्हें लगी नहीं
और मुझे लग गयी

उल्फ़त

तेरी उल्फ़त ने
बख्श दिये
इतने दर्द कि
अब दिल में
रत्ती भर भी
जगह न बची
कोई खुशी सहेजने की