कवयित्री डॉ. आशा सिंह सिकरवार के काव्य संग्रह ‘उस औरत के बारे में’ को मिला विद्योत्तमा साहित्य सारथी सम्मान

हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में किये गये रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्य तथा भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में डॉ. आशा सिंह सिकरवार लेखनी द्वारा किये गये प्रशंसनीय कार्य के लिए विद्योत्तमा फाउंडेशन, नाशिक से राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य सम्मान समारोह में 14 जनवरी, 2024 को ‘उस औरत के बारे में’ काव्य संग्रह को विद्योत्तमा साहित्य सारथी सम्मान से अलंकरण से विभूषित किया गया। 

राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य सम्मान समारोह में भारत के विभिन्न प्रांतों से आये पैंतीस साहित्यकारों, एक समाजसेवी तथा माध्यमिक विद्यालय में सर्वप्रथम अंक लेकर आई छात्रा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. कर्नल राजेश सक्सेना के हाथों से सम्पन्न हुआ। अध्यक्षता डॉ. अजीत नागरगोजे ने की मुख्य अतिथि के पद पर गारगोट मिनरल संग्रहालय के सीएमडी के.सी. पांडेय तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उधोगपति गोविंद झा उपस्थित रहे। आरंभ में तीन पुस्तकोंका विमोचन हुआ।

विद्योत्तमा फाउंडेशन के अध्यक्ष सुबोध मिश्र ने डॉ. आशा सिंह सिकरवार को ‘विद्योतमा साहित्य सारथी सम्मान पत्र, शॉल, स्मृति चिन्ह प्रदान किया। आशा सिंह सिकरवार के साथ उनके पिता भगतसिंह सिकरवार (वकील) भी मौजूद थे।

डॉ. आशा सिंह सिकरवार का पहला काव्य संग्रह उस औरत के बारे में दीप ज्योति पब्लिकेशंस, राजस्थान से प्रकाशित है। आशा सिंह की कविताएं पिछले बीस वर्षों से निरन्तर राष्ट्रीय अन्तर राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं हैं। स्त्री शोषण के विरुद्ध ये कविताएं आवाज़ उठातीं है इसलिए उनकी हिन्दी साहित्य में एक कवयित्री के रूप में विशिष्ठ स्थान रखती हैं। आशा सिंह सिकरवार गुजरात विश्वविद्यालय के आधुनिक हिंदी कविता के पाठ्यक्रम में कवयित्री के रूप में जगह मिली।

उस औरत के बारे में काव्य संग्रह की रचनाओं को ‘कल आज और कल’ पुस्तक में हिंदी साहित्य के सभी वरिष्ठ कवियों के साथ रखा गया। निर्दलीय राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय मासिक पत्रिका नई दिल्ली से प्रकाशित डॉ. आशा सिंह सिकरवार पर केंद्रित विशेषांक भी निकाला गया है, जिसके सम्पादक कैलाश आदमी थे। जिसमें देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों के आलेख समीक्षाएं सम्मिलित की गई हैं।

सम्मान समारोह के बाद एक कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें देश भर से आये सम्मानित कवियों ने अपनी रचना का पाठ किया। आशा सिंह सिकरवार ने भी स्त्री की गंध जैसी सशक्त रचना का पाठ करके स्त्री की पक्षधरता और अपनी लेखनी की प्रतिबद्धता साबित की।

विद्योत्तमा फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य सम्मान समारोह सुबोध मिश्र (अध्यक्ष) भरत सिंह (उपाध्यक्ष), डॉ. सीपी मिश्र (महासचिव) एवं समस्त पदाधिकारी के साथ होटल हरियाली, मुक्तिधाम के पास, नाशिक रोड़, महाराष्ट्र में रखा गया था।