प्रेम न रीति है प्रेम न रिवाज
धर्मों से परे जातियों से अलग
ये एक अनछुआ अहसास है
प्रेम विश्वास है प्रेम धड़कन है
प्रेम भक्ति है प्रेम शक्ति है
जिसके प्यार में डूबे दिल
बस वही खास है।
प्रेम तन की प्यास नही
प्रेम आत्मा का बंधन है
प्रेम में कोई आस नही
प्रेम में बस त्याग है
दिल मे बसी जो छवि
बस वही ख़ास है
प्रेम तप है प्रेम आराधना है
प्रेम स्तुति गुण गान है
चराचर इस जगत में
प्रेम से ही सृष्टि विद्यमान है
प्रेम राधा की प्रतीक्षा है
प्रेम मीरा की भक्ति है
प्रेम सती की तपस्या है
प्रेम ही उर्मिला का त्याग है
इसी प्रेम से सीताराम महान है
प्रेम त्याग का दूसरा नाम है
-गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान