नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव में गूंजा जयपुर का स्वर, देश का प्रतिनिधित्व कर लौटीं डॉ निशा अग्रवाल

भारत नेपाल मैत्री को मजबूत करने पर दोनों देशों के बीच साहित्यिक साहचर्य को बढ़ाने के लिए नेपाल के विराटनगर में दोनों देशों के करीब 300 चुनिंदा साहित्यकार पहुंचे थे। इसमें जयपुर की डॉ निशा अग्रवाल भी शामिल हुई थी। डॉ निशा ने भारत के तरफ से इसमें हिस्सा लेते हुए अपनी रचना के साथ ही विभिन्न सत्रों में अपनी सहभागिता निभाई।

इस अंतराज़्ष्ट्रीय आयोजन के दौरान नेपाल भारत साहित्य महोत्सव आयोजन समिति की ओर से उन्हें प्रमाण पत्र, प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। बता दें कि प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ विजय पंडित की अगुआई में हर साल नेपाल में यह आयोजन किया जाता है और दोनों देशों के प्रमुख साहित्यकार शामिल होते हैं। इस बार यह कार्यक्रम 17 से 19 मार्च तक विराट नगर में हुआ। इसमें शामिल होने के लिए उन्हें नेपाल भारत साहित्य महोत्सव में आमंत्रित किया गया था।

इस कार्यक्रम के दौरान भारत नेपाल के प्रसिद्ध शिक्षाविद, कवि, लेखक, समीक्षक, आलोचक के अलावा नेपाल के जनप्रतिनिधि और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के साथ नेपाल भारत के ऐतिहासिक सम्बन्ध को मजबूत बनाना है और एक साहित्य सेतु का निर्माण करना है।

साथ ही महाभारत कालीन ऐतिहासिक शहर विराटनगर को दुनिया के आगे सार्वजनिक करना, रामायण और बुद्ध सर्किट को महाभारत सर्किट से जोडऩे नवोदित व गुमनाम कलमकारों को वरिष्ठ साहित्यकारों के सानिध्य में एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने की कोशिश हुई। वे बताते हैं कि भारत और नेपाल का संबंध ना सिर्फ मां सीता और बौद्धकालीन अवशेषों से है, बल्कि द्वापर युग में भी यह अत्यंत प्रगाढ़ था। विराटनगर जैसे महाभारतकालीन नगर इसकी निशानी है। आयोजन विराटनगर में हुआ, यह आयोजन इसे और विराटता प्रदान करेगा।