विद्युत अधिकारी ने राजस्व वसूली के लिए बनाया ऐसा दबाव कि ठेका श्रमिक ने लगा ली फांसी

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मार्च के महीने में विद्युत विभाग में राजस्व वसूली का खासा दबाव रहता है। वहीं इस बार महीने के आखिर में होली पड़ने के कारण हर अधिकारी त्यौहार से पहले अपना लक्ष्य पूरा कर लेना चाहता है, इसके लिए वे अपने मातहत कर्मचारियों पर अनुचित और बेजा दबाव बनाने से भी नहीं चूक रहे हैं।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विगत 19 मार्च को जबलपुर ग्रामीण वृत के अंतर्गत पाटन संभाग के सहायक अभियंता मेंटेनेंस कार्यालय में पदस्थ ठेका श्रमिक केसरी मल्लाह, जो ईगल हंटर ठेका कंपनी में कार्यरत है, ने गाढ़ाघाट टपरिया गांव स्थित अपने घर में सुबह फांसी लगा ली।

इस दौरान उसकी पत्नी पड़ोस में गई हुई थी, बच्चों के द्वारा बताने पर पत्नी दौड़ लगाकर आई देखा पति फांसी में लटका हुआ है तो तत्काल हंसिया से रस्सी काट दी और सहयोगियों की सहायता स तत्काल उसे पाटन हॉस्पिटल ले गए। जहां आराम ना मिलने से जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया।

ठेका श्रमिक केसरी मल्लाह को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाकर भर्ती किया गया है, जहां उसकी गर्दन में अत्यधिक दर्द है और आवाज कम निकल रही है। जानकारी मिलने पर तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि पीड़ित परिवार से मिले तो उन्होंने बताया कि अधिकारी रात दिन मेंटेनेंस एवं राजस्व वसूली कराते हैं।

परिजनों ने बताया कि अधिकारी अवकाश भी नहीं देते हैं। मोबाइल पर डांटते रहते हैं। पत्नी ने बताया हमारे दो बच्चे हैं। अधिकारियों के द्वारा शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक सभी कर्मचारियों को बैठा कर राजस्व वसूली की जानकारी लेते हैं।

संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, अजय कश्यप, मोहन दुबे, जेके कोस्टा, राजकुमार सैनी, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, अमीन अंसारी, गोपाल यादव, राकेश नामदेव, नीरज पटेल आदि के द्वारा पाटन के अधिकारियों के द्वारा नियमित तकनीकी कर्मचारी, संविदा कर्मचारी एवं ठेका श्रमिकों के ऊपर लाइनों के मेंटेनेंस एवं राजस्व वसूली के लिए अत्यधिक दबाव बनाया जा रहा है, जो गलत है। तकनीकी कर्मचारी संघ ने इसका तीव्र विरोध किया है।