मध्य प्रदेश में बिजली दरों की घोषणा: टैरिफ में राहत, फिक्स चार्ज में हुई बढ़ोतरी

मप्र विद्युत नियामक आयोग ने मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बिजली दरों की घोषणा कर दी है। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विद्युत नियामक आयोग के समक्ष दाखिल की गई टैरिफ याचिका को आयोग ने मंजूरी दे दी।

जानकारी के अनुसार विद्युत नियामक आयोग ने इस बार बिजली की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है, लेकिन फिक्स चार्जेस में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे उपभोक्ताओं के बिजली बिल बढ़कर आएंगे। नई बिजली दर 8 जुलाई से लागू होंगी।

विद्युत कंपनियों ने विद्यमान विद्युत दरों के अन्तर्गत इस अन्तर की भरपाई हेतु विद्युत दरों में 6.23% की वृद्धि प्रस्तावित की थी, लेकिन आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु 42,402 करोड़ रुपये की सकल राजस्व आवश्यकता को मान्य किया गया है। जिसके अन्तर्गत विद्यमान विद्युत दर में राजस्व अन्तर की राशि 264 करोड़ रुपये को मान्य किया गया है। इस अन्तर की भरपाई हेतु विद्युत दर में 0.63% की वृद्धि स्वीकार की गई है।

घरेलू विद्युत दर का विस्तार प्रधानमन्त्री आवास योजना के अधीन स्थापित किये गये अफोर्डेबल रेन्टल हाऊसिंग काम्पलेक्स एवं मध्य प्रदेश होमस्टे योजना 2010 के अन्तर्गत पंजीकृत होमस्टे के लिये भी किया गया है।

कृषि पम्प एवं कृषि संबंधित अन्य गतिविधिया हेतु राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी को सम्मिलित करते हुए 10 हार्सपावर तक विद्युत भार धारित करने वाले उपभोक्ताओं की बिलिंग 750 रुपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष की दर से की जाएगी। 10 हार्स पॉवर से अधिक विद्युत भार धारित करने वाले उपभोक्ताओं की बिलिंग1500 रुपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष की दर से की जाएगी । इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से टैरिफ श्रेणी के अंतर्गत उच्च वोल्टेज ई-रिक्शा चाजिंग स्टेशन की विद्युत दर में कमी की गई है। फिक्स चार्ज 120 रुपये प्रति केवीए से घटाकर 100 रुपये प्रति केवीए किये गये हैं। इसके अतिरिक्त बैटरी स्वैपिंग स्टेशन को भी इस श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।

सिंचाई, जल प्रदाय कार्य तथा कृषि संबंधी अन्य उपयोग की प्रयोज्यता का विस्तार अब शासन या उसकी एजेन्सी द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली, उपरोक्त प्रयोजन के उपयोग हेतु नदी-सम्पर्क योजनाओं हेतु भी कर दिया गया है। टैरिफ श्रेणी में घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देते हुए त्रिपक्षीय अनुबंध की आवश्यकता संबंधी प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।

हाई वोल्टेज के अन्तर्गत वर्तमान में दी जा रही टाईम ऑफ डे छूट में परिवर्तन किया गया है तथा इसके स्थान पर मौसमी टाईम आफ डे पद्धति को लागू किया गया है। जिसके अनुसार अप्रैल से अक्टुबर माह के दौरान ऑफ पीक भार अवधि के दौरान 10% की छूट लागू होगी। जबकि माह नवम्बर से मार्च के दौरान विद्यामान छूट 20% को जारी रखा गया है।

इस आदेश में आयोग द्वारा कुछ छूटों को यथावत जारी रखा गया है। जिनमें प्रीपेड मीटरिंग, अग्रिम बिल भुगतान, त्वरित बिल भुगतान, ऑनलाइन भुगतान, लोड फेक्टर तथा पॉवर फेक्टर पर दी जा रही छूटों व प्रोत्साहनों को बिना किसी परिवर्तन जारी रखा गया है। साथ ही नवीन तथा विद्यमान उच्च दाब व अति उच्च दाब सयोजना, केप्टिव पावर संयंत्रों, रेलवे ट्रेक्शन तथा खुली पहुँच उपभोक्ताओं को प्रयोज्य छूट व प्रोत्साहनों को बिना परिवर्तन जारी रखा गया है।

इसके अलावा घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर यथावत रखी गई है, लेकिन फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी हुई है।

0 से 30 यूनिट तक– 3.25 रुपये प्रति यूनिट- 45 रुपये न्यूनतम कनेक्शन चार्ज लगेगा।

0-50 यूनिट तक तक- 4.13 रुपये प्रति यूनिट- शहरी फिक्स चार्ज 64 रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्र में फिक्स चार्ज 50 रुपये होगा।

51 से 150 यूनिट तक– 5.05 रुपये प्रति यूनिट- शहरी फिक्स चार्ज-109 रुपये तथा ग्रामीण फिक्स चार्ज 90 रुपये। यहां शहरी क्षेत्रों में फिक्स चार्ज 7 रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 8 रुपये की वृद्धि की गई है।

151 से 300 यूनिट तक– 6.45 रुपये प्रति यूनिट- शहरी क्षेत्र में फिक्स चार्ज 24 रुपये प्रति 15 यूनिट तथा ग्रामीण क्षेत्र में फिक्स चार्ज 21 रुपए प्रति 15 यूनिट। यहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के फिक्स चार्ज में 1 रुपये की वृद्धि हुई है।

300 यूनिट से अधिक– 6.65 रुपये प्रति यूनिट- शहरी क्षेत्र में फिक्स चार्ज 25 रुपये प्रति 15 यूनिट तथा ग्रामीण क्षेत्र में फिक्स चार्ज-23 रुपए प्रति15 यूनिट किया गया है। फिलहाल यहां कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।