कर्मचारियों का अल्टीमेटम, मांगें मानें या अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए तैयार रहे एमपी सरकार

मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के 37 संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों ने 25 बिंदुओं के मांगों का निराकरण करने का सरकार को नोटिस देते हुए अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनकी मांगों का समय पर निराकरण नहीं किया गया तो तीन चरणों में आंदोलन किया जाएगा।

मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि प्रथम चरण में 1 जुलाई मंगलवार को जिलों में मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम का ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से दिया जाना है, 11 अगस्त शुक्रवार को अधिकारी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, 10 सितंबर रविवार को भोपाल में प्रदेशव्यापी धरना होगा और यदि मांगें नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा की जावेगी।

मांगों में रमेश चंद्र शर्मा समिति की अनुशंसा के अनुसार लिपिक की वेतन विसंगति में सुधार नहीं किया जा रहा है, लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के लिपिकों के समान समयमान वेतनमान भी नहीं दिया गया, मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू की जावे, प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नतियां शीघ्र प्रारंभ की जावे, प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर्स की राशि का भुगतान किया जाए मुख्यमंत्री चिकित्सा योजना के आदेश तत्काल जारी करने जैसी मांगें शामिल हैं।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, संजय गुजराल, संतोष मिश्रा, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, धीरेंद्र शिंह, रविकांत दहायत, देव दोनेरिया, मनीष बाजपाई, प्रशांत सौधिया, मुकेश मरकाम, योगेश चौधरी, कपिल दुबे,यू एस करोसिया, अजय दुबे, योगेंद्र मिश्रा, अर्जुन सोमवंसी, सतीश उपाध्याय, ब्रजेंद्र मिश्रा, नरेंद्र सैन, विनय नामदेव, दुर्गेश पाण्डे ने कर्मचारियों की मांगों के निराकरण के आदेश जारी करने की मांग की है।