आउटसोर्स के नाम पर ठेकेदारों को उपकृत कर रहे एमपी के अफसर, सरकार को लग रही लाखों की चपत

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने आरोप लगाते हुए बताया कि आऊटसोर्स कर्मियों के नाम पर कार्यालयों में लूट मची हुई है, अवकाश दिनों का वेतन, बिना कार्यालय आए फायदे दिए जा रहे है, कार्यालयों की गोपनीय जानकारियां आऊटसोर्स कर्मियों को दी जा रही है, ठेके का समय समाप्त होने के पश्चात भी आऊटसोर्स कर्मियों को कार्यालयों में आने से नहीं रोका जा रहा है, वेतन के नाम पर लाखों रुपए निकाले जा रहे है। बिना योग्यता के अफसर कार्यालयों में नियुक्तियां कर रहे है, कार्यालयों में सरकारी कर्मचारी भरपूर हैं, लेकिन अफसर अपनों को बिना कार्य के भुगतान कर सरकार को लाखों रुपए माह का घोटाला कर रहे है।

योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि आऊटसोर्स कर्मियों को बिना योग्यता, अनुभव के जिम्मेवार पदों के कार्य दिए जा रहे है। अनेक विभागों में सरकारी कर्मचारी भरपूर हैं, लेकिन आऊटसोर्स कर्मियों को करोड़ो रुपए दिए जा रहे है। स्थाई कर्मी, कार्यभारित स्थापना और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के पास साइडों में कार्य नहीं है, इनमें अनेक कर्मचारी के पास वरिष्ट पदों की योग्यता है, इन कर्मचारियों से वेतन के बदले कार्य लिया जा सकता है। वहीं आऊटसोर्स कर्मियों के नाम पर ठेकेदारों को लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है, जबकि ये राशि बचाई जा सकती है।       

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, योगेश चौधरी, देव दोनेरिया, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, मुकेश चतुर्वेदी, प्रशांत सोधिया, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मरकाम, योगेंद्र मिश्रा, प्रदीप पटेल, सतीश उपाध्याय, अजय दुबे, दुर्गेश पाण्डे, सुरेंद्र जैन, नरेंद्र सैन, मनोज राय, विनय नामदेव, संदीप नेमा ने आऊटसोर्स कर्मियों के नाम पर हो रहे वेतन भुगतान घोटाले की जांच कर, कार्यवाही की मांग करते हुए विभागीय कर्मचारियों को कार्यालयों के कार्य दिए जाने की मांग की है।