बिजली कंपनी का फरमान, विरोध प्रदर्शन करने वाले आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से बाहर करे ठेकेदार

मध्य प्रदेश की बिजली कंपनी ने सभी ठेकेदारों को पत्र लिखकर कहा है कि उनके माध्यम से कंपनी में कार्यरत ऐसे आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से हटा दें जो अपने शोषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हैं। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने अपने पत्र में ऊर्जा विभाग के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि ठेकेदार द्वारा नियोजित कर्मियों को सूचित करें कि यदि वे कार्य पर अनुपस्थित पाये जाते हैं या कंपनी विरूद्ध कार्यवाही में संलिप्त रहते हैं तो उन पर कार्यादेश में उल्लेखित नियम एवं शर्तों के अध्यधीन कठोर कार्यवाही की जाये।

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ठेकदारों के लिए जारी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के पत्र में कहा गया है कि विषयांतर्गत, संदर्भित पत्रों के परिप्रेक्ष्य में लेख है कि विगत कुछ दिनों से आपके द्वारा नियोजित कर्मियों ने विभिन्न संगठनों के माध्यम से कार्य बहिष्कार सहित विभिन्न तरीकों से विरोध प्रदर्शन के संबंध में ऊर्जा विभाग एवं विभिन्न कंपनियों को ज्ञापन प्रेषित किये हैं। मध्यप्रदेश शासन, ऊर्जा विभाग द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि आपके द्वारा नियोजित कर्मियों को सूचित करें कि यदि वे कार्य पर अनुपस्थित पाये जाते हैं और/या कंपनी विरूद्ध कार्यवाही में संलिप्त रहते हैं तो उन पर कार्यादेश में उल्लेखित नियम एवं शर्तों के अध्यधीन कठोर कार्यवाही की जावेगी, जिसके लिये वे स्वयं उत्तरदायी होंगे। अतः यह सुनिश्चित करें के आपके द्वारा नियोजित कर्मी नियमानुसार कार्य पर उपस्थित रहें एवं कार्य बहिष्कार या/और विरोध प्रदर्शन जैसी गतिविधियों से स्वयं को दूर रखें। कृपया उपरोक्त निर्देशों का अनिवार्य रूप से अनुपालन करने की व्यवस्था करें।

ट्रांसमिशन कंपनी के इस पत्र पर आक्रोश जताते हुए मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा है कि पावर ट्रांसमिशन कंपनी का ये आदेश पूरी तरह से तानाशाहीपूर्ण हैं। ठेकेदार के साथ मिलकर आउटसोर्स कर्मियों का शोषण करने वाले बिजली अधिकारी जब नियमविरुद्ध दबाव बनाकर आउटसोर्स कर्मियों से जोखिम का कार्य करवाते हैं तब उन्हें नीति और नियमों का ध्यान नहीं रहता। वहीं ये अधिकारी शोषण और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने, अपने हक की लड़ाई लड़ने और विरोध प्रदर्शन को नियमों के विरुद्ध बता रहे हैं और आउटसोर्स कर्मियों को सीधे नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं। ये पूरी तरह से अन्याय और असंवेदनशीलता है।