एमपी की बिजली कंपनी ने शुरू किए 6 हजार 36 करोड़ रुपए के विकास कार्य

मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) में 6 हजार 36 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्य आने वाले समय में किए जाएंगे। इससे विद्युत वितरण व्यवस्था की तस्वीर बदल जाएगी। जहॉं एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति मिलेगी वहीं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी। ब्रेकडाउन कम होंगे और प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिलेगा।

रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम में पारेषण और वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के कार्य किए जाएंगे। प्रथम चरण में स्मार्ट मीटरिंग के लिए 2 हजार 777 करोड़ एवं लॉस रिडक्शन के तहत 3 हजार 259 करोड़ के नवीन उपकेन्द्र, कैपेसिटर बैंकों की स्थापना, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर, पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर, एलटी लाइन एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्य किये जाएंगे।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री गणेश शंकर मिश्रा ने कहा है कि आरडीएसएस योजना के प्रथम चरण में लॉस रिडक्शन के तहत 2 हजार 788 करोड़ एवं स्मार्ट मीटरीकरण के लिए 897 करोड़ के कार्यों के कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं। शेष कार्यों की निविदा प्रक्रियाधीन है।

आरडीएसएस योजना में भोपाल शहर में 154 किमी एलटी लाइन तारों को अंडरग्राउंड केबल में बदला जाएगा। साथ ही सीहोर, नर्मदापुरम, विदिशा, राजगढ़, रायसेन, बैतूल, हरदा, ग्वालियर, दतिया, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, भिण्ड, मुरैना आदि में वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य कराए जाएंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2024-25 तक विद्युत वितरण के लिए संस्थागत क्षमताओं का विकास, फीडरों के सौरकरण से सिंचाई के लिए सस्ती बिजली उपलब्ध कराना, उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति के साथ ही कंपनी की लागत राजस्व को घटा कर शून्य पर लाते हुए अखिल भारतीय स्तर पर सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों को 12 से 15 फीसदी तक कम करना है।

कंपनी ने बताया कि प्रथम चरण में कंपनी कार्यक्षेत्र में लगभग 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कार्यादेश एवं 11 लाख स्मार्ट मीटर के लिए निविदा जारी कर दी गई है। वहीं दूसरे चरण में कंपनी कार्यक्षेत्र के 16 जिलों में 2 हजार 114 करोड़ के मॉर्डनाइजेशन के कार्य कराए जाएंगे। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन और भोपाल शहर में 33 केवी रिंग मेन सिस्टम मोनोपोल इत्यादि के कार्य शामिल हैं।