MP: निजी कंपनी के मीटर रीडर ने पहले की रीडिंग में गड़बड़ी, फिर बिजली बिल सुधरवाने के लिए मांगे बीस हजार

मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में मीटर रीडिंग और बिजली बिल वितरण का कार्य निजी कंपनियों को ठेके पर दिया गया है। निजी कंपनियों के मीटर रीडर मनमर्जी से मीटर रीडिंग का कार्य कर रहे हैं, साथ ही निजी कंपनी के विरुद्ध उपभोक्ताओं से अवैध वसूली की भी अनेक शिकायतें सामने आई हैं।

जानकारी के अनुसार फीडबैक इन्फ्रा प्रा.लि. के मीटर रीडर अजीत राजावत के खिलाफ मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने मीटर रीडिंग में हेराफेरी और अवैध रूप से धन की मांग के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है।

यह एफआईआर सहायक अभियंता, फूलबाग जोन, शहर संभाग ग्वालियर के आवेदन पर दर्ज की गई है। आरोपी के खिलाफ अपराध धारा 420, 506, 511, 34 भादवि के अंतर्गत थाना पड़ाब में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी गई है।

मीटर रीडर अजीत राजावत फीडबैक इन्फ्रा प्रा.लि. का कर्मचारी है और इसके द्वारा प्रतिमाह मीटर रीडिंग लेकर बिल बांटने का कार्य किया जाना चाहिए, लेकिन इसने श्रीमती क्रान्ति देवी निवासी डी-13, द्वारिका पुरी, फूलबाग जोन के परिसर की 10 माह तक सही रीडिंग नहीं ली।

वहीं अगस्त 2020 में इकट्ठी रीडिंग 4317 यूनिट का बिल जारी किया गया और बाद में आरोपी राजावत द्वारा इस बिल को सुधरवाने के लिए श्रीमती क्रान्ति देवी से 20 हजार रूपये की अवैध रूप से मांग की गई।

श्रीमती क्रान्ति देवी ने इसकी शिकायत बिजली कंपनी में की। जांच में शिकायत को सही पाया गया। साथ ही मीटर रीडर द्वारा कंपनी को आर्थिक रूप से नुकसान पहुँचाया गया है। फलस्वरूप मामले को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया, जिसकी पुलिस द्वारा विवचेना की जा रही है। मीटर रीडर अजीत राजावत के साथ-साथ फीडबैक इन्फ्रा प्रा.लि. के सुपरवाईजर रवि अग्रवाल को भी आरोपी बनाया गया है।