बिजली संविदा कर्मियों को मध्य प्रदेश शासन का संविदा कर्मचारी नहीं मानते अधिकारी

मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मप्र कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा कौशल विकास संचालनालय के तहत प्रशिक्षण अधिकारी के पद पर भर्ती आयोजित की गई थी, जिसमे लिखित परीक्षा के माध्यम से मप्र की विभिन्न विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मियों का चयन 20% संविदा आरक्षण के आधार पर मेरिट सूची में किया गया है। 

उन्होंने बताया कि 10/04/2023 एवं 11/04/2023 को प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान सक्षम अधिकारियों द्वारा यह बताया गया है कि ऊर्जा विभाग की विभिन्न कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को मप्र शासन का संविदा कर्मचारी नहीं माना जा रहा है। अतः इस आशय का पत्र ऊर्जा विभाग द्वारा जारी कराया जाए कि ऊर्जा विभाग की विभिन्न कंपनियां शासकीय कंपनियां है एवं 20% आरक्षण का लाभ उन सभी कर्मियों को देना न्यायाचित होगा।

व्हीकेएस परिहार ने पत्र में मांग की है कि तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत आईटीआई में प्रशिक्षण अधिकारी के पदों पर विद्युत कंपनियों के संविदा कर्मचारियों को संविदा आरक्षण में मान्य कराया जाए।