OFK मैनेजमेंट ने कसा सूदखोर पर शिकंजा: जारी किये खमरिया बाजार की दुकान खाली करने का नोटिस

खमरिया बाजार में कंजूमर कोऑपरेटिव सोसायटी के नाम पर आवंटित दुकान क्रमांक-13 में एक व्यापारी कई वर्षों से काबिज है एवं अवैध रूप से ब्याज का धंधा संचालित करता है। वहां की प्रबंध कमेटी द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद उक्त व्यापारी का धंधा बंद नहीं हुआ।

वर्तमान में वहां कोई प्रबंध समिति नहीं है एवं प्रशासक सोसायटी को संचालित कर रहे हैं। प्रशासक के हस्ताक्षर के बिना सोसायटी के नाम पर व्यापारी के धंधे की कटौती प्रबंधन द्वारा अवैधानिक रूप से की जाती रही है। व्यापारी द्वारा निर्माणी के कर्मचारियों को बर्तन बेचना दर्शा कर  नगद पैसा दिया जाता है, अर्थात व्यापार कागज में बर्तन बेचने का है, किंतु वास्तव में चलाता सूद का धंधा है। यह धंधा कई वर्षों से चल रहा है तथा व्यापारी अपने रसूख और जुगाड़ के बदौलत अब तक बचता आ रहा है।

उक्त व्यापारी के द्वारा कर्मचारियों की गई कटौती कर्मचारियों के वेतन से होती है। सुरक्षा कर्मचारी यूनियन एवं कामगार यूनियन द्वारा लंबे समय से अवैध व्यापार रोकने की मांग की जाती रही है। लगभग 1 माह पूर्व अनेक कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों ने लिखित आवेदन देकर शोषण रुकवाने की मांग की थी। प्रबंधन ने इस पर कार्यवाही करते हुए किस कर्मचारी से कितनी राशि काटी जाती है और क्यों काटी जाती है, अधिकार पत्र की स्थिति क्या है, इत्यादि विषय पर जांच गठित की है जांच कमेटी की रिपोर्ट  मिलते ही अन्य आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

स्टेट प्रबंधन द्वारा इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए व्यापारी संतोष अग्रवाल द्वारा संचालित अवैध दुकान खाली करने हेतु नोटिस जारी कर दिया है। कर्मचारियों के वेतन से की जा रही कटौती भी रोकने की मांग की गई थी जिसे जांच रिपोर्ट आने तक रुकवा दिया गया है। प्रबंधन ने आश्वस्त किया है कि अगले माह से कटौती नहीं होगी और सैकड़ों कर्मचारी जो सूदखोर द्वारा शोषित हैं उनकी कटौती रुकेगी।

कामगार यूनियन एवं सुरक्षा कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन से मांग की है इस माह की गई कटौती की राशि जमा रखी जाए एवं जांच के बाद संपूर्ण राशि कर्मचारियों को वापस की जाए। कामगार इंटर मोर्चे के शिवम दुबे राकेश शर्मा, राजेन्द्र चढ़ारिया, आनंद शर्मा ,रूपेश पाठक अनुपम भौमिक, संतोष सिंह आदि ने प्रबंधन को कर्मचारी हित में की गई कार्यवाही के लिए धन्यवाद देते हुए अभिलंब दुकान खाली कराने और सूदखोर द्वारा कर्मचारियों से पूर्व में की गई वसूली वापस दिलाने की मांग की है।