पीएसएम प्राचार्य शासन को लगा रहे लाखों का चूना, बिना तकनीकी स्वीकृति के हो रहे कार्य

जबलपुर स्थित प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान (पीएसएम) के प्राचार्य द्वारा लाखों रुपये का मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। मटेरियल टेस्टिंग के लिए प्रयोगशाला नहीं है, ना ही तकनीकी रूप से दक्ष अधिकारी व कर्मचारी नहीं है। इसके बावजूद दरवाजों की मरम्मत, व्हाइट वासिंग, फर्नीचर की मरम्मत का कार्य एवं निर्माण कार्य किया जा रहा है। जो तकनीकी, प्रशासनिक एवं वित्तीय नियम विरुद्ध है।

प्रार्चाय द्वारा गुणवत्ताहीन, बिना स्वीकृति व शासन द्वारा निधारित मापदंडों का पालन किये यह कार्य कराये जा रहे है। जबकि शासन के आदेशानुसार कोई भी शासकीय भवन का निमार्ण एवं मरम्मत कार्य बिना तकनीकी स्वीकृति के नहीं कराया जाना है। साथ ही विभागीय कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। नियम विरुद्ध कार्यालयीन समय के पश्चात भी कार्यालय में रोका जा रहा है। प्राचार्य रिटायर होने वाली महिला कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों का स्थानान्तरण कर परेशान किया जा रहा है। महिला कर्मचारियों को कहा जाता है कि आप अपने कर्मों का फल भुगत रही हो।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, योगेश चौधरी, नरेश शुक्ला, मुकेश चतुर्वेदी, संजय गुजराल, राजेन्द्र त्रिपाठी, प्रदीप पटेल प्रशांत सोंधिया, रविकांत दहायत, एस के वांदिल, आलोक अग्न्हिोत्री, दुर्गेश पान्डेय, धीरेन्द्र सिंह ठाकर, मुकेश मरकाम, देव दोनेरिया, योगेश उपाध्याय, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, दीपक सोनी, विपिन शर्मा, सुधीर पंडया ने प्राचार्य आर के स्वर्णकार द्वारा पिछले दो वर्षों में कराये जा रहे निर्माण एवं मरम्मत कार्यों की जांच कर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।