रेल मंत्रालय के आदेश से वरिष्ठ पर्यवेक्षकों को नहीं होगा फायदा, WCRMS लड़ेगा आर-पार की लड़ाई

एनएफआईआर व वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ द्वारा वर्षों के संघर्ष के बाद रेलमंत्री के आश्वासन के बाद वरिष्ठ रेल पर्यवेक्षको को समुचित न्याय मिलने की आस जगी थी, परन्तु विगत दिवस रेलवे बोर्ड द्वारा जारी नोटिफिकेशन ने इन वरिष्ठ कर्मचारियो की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि उक्त आदेश से वरिष्ठ पर्यवेक्षको को फिलहाल कोई खास फायदा नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि क्योंकि लगभग 80 प्रतिशत तकनीकी पर्यवेक्षक को 5400 ग्रेड पे व 20 प्रतिशत को 4800 ग्रेड पे एमएसीपीएस के द्वारा लंबे इंतजार के बाद पहले ही मिल चुका है। आदेश में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ग्रेड पे 4800 तथा 4800 ग्रेड पे में चार वर्ष पूर्ण कर चुके कर्मचारियों में भी केवल 50 प्रतिशत ही को ग्रेड पे 5400 मिलेगा जो कि काफी कम होंगे। वहीं अधिकांश कर्मचारी रिटायरमेंट के करीब हैं, उन्होंने इस आदेश को छलावापूर्ण बताया। उक्त आदेश का 1 दिसंबर 2022 की बजाय 1 जनवरी 2016 से लागू करने की मांग की हैं।

संघ प्रवक्ता सतीश कुमार ने कहा कि रेलवे के कई विभागो के वरिष्ठ पर्यवेक्षकों CLA, CCI, CLI, CHI, चीफ फामासिस्ट, सीनियर अनुवादक राजभाषा स्टेनो कैडर, आईटी कैडर आदि को इसमें शामिल नहीं किया गया है जो कि औचित्य हीन है।

संघ के अध्यक्ष सीएम उपाध्याय, महामंत्री अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष अनुज तिवारी, मंडल अध्यक्ष एसएन शुक्ला, मंडल सचिव डीपी अग्रवाल आदि ने इस विसंगतिपूर्ण आदेश को संशोधित कर वरिष्ठ रेल पर्यवेक्षकों के हित में न्यायसंगत आदेश जारी करने व पात्र अन्य सभी श्रेणी के पर्यवेक्षकों को शामिल करने की मांग की।