मानवीय हस्तक्षेप के बिना किया जाए टेस्टिंग लेब का संचालन: एमडी विवेक पोरवाल

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक विवेक पोरवाल ने कहा है कि ट्रांसफार्मर टेस्टिंग लेब का संपूर्ण दक्षता और क्षमता के साथ चलाया जाए। उन्होंने कहा कि वितरण ट्रांसफार्मर तथा अन्य उपकरणों के परीक्षण के लिए दो शिफ्टों में लेब संचालित की जाए।

उन्होंने कहा कि लेब का संचालन इस प्रकार से किया जाए कि उसमें मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल न हो। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाए। एमडी पोरवाल शुक्रवार को भोपाल में गोविन्दपुरा स्थित निष्ठा टेस्टिंग लेब का निरीक्षण कर रहे थे। इस अवसर पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा सहित लेब के अन्य अभ‍ियंता उपस्थि‍त थे।

उल्लेखनीय है कि तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के सभी क्षेत्रीय भंडारों में यह लेब स्थापित की जा रही हैं। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जबलपुर, सागर, सतना, छिंदवाड़ा, छतरपुर, मध्य क्षेत्र कंपनी में भोपाल, गुना एवं ग्वालियर और पश्चिम क्षेत्र में इंदौर तथा उज्जैन में लेब स्थापित की जा रही है। पहले चरण में भोपाल इंदौर एवं जबलपुर में और दूसरे चरण में शेष 7 स्थानों पर लेब स्थापित की जा रही हैं। प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है।

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक तथा वितरण कंपनियों के अध्यक्ष विवेक पोरवाल ने रबी सीजन में आबादी को 24 घंटे तथा कृषि क्षेत्र को 10 घंटे विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत सामग्री का परीक्षण प्रभावी ढंग से होना चाहिए ताकि निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। गुणवत्ता नियंत्रण एवं सामग्री प्रबंधन विभाग तथा क्षेत्रीय भंडार के अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने आईटी एप्लीकेशन तैयार करने पर जोर दिया, जिससे बिना मानवीय हस्तक्षेप के वितरण ट्रांसफार्मर तथा अन्य सामग्रियों का परीक्षण किया जा सके।

प्रबंध संचालक विवेक पोरवाल ने निष्ठा टेस्टिंग लेब के निरीक्षण के दौरान कहा कि इन प्रयोगशालाओं से जहाँ एक ओर वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत सामग्री के परीक्षण के लिए केन्द्रीय संस्थाओं सहित अन्य प्रयोगशालाओं में दिए जा रहे शुल्क की बचत होगी वहीं दूसरी ओर समय पर शत-प्रतिशत ऑटोमेटिक परीक्षण होने से विद्युत सामग्री एवं उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे फीडर ट्रिपिंग और विद्युत सामग्री खराब होने के कारण हो रहे विद्युत अवरोध में कमी आयेगी साथ ही उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण एवं सुचारु विद्युत आपूर्ति में सहायता मिलेगी।  

एनएबीएल से प्राप्त प्रमाण पत्र का विमोचन-

इस अवसर पर गुणवत्ता नियंत्रण और सामग्री प्रबंधन पर प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कंपनी की टेस्टिंग एवं भंडार संबंधी गतिविधियों को रेखांकित गया। इस मौके पर एनएबीएल से प्राप्त प्रमाण पत्र का विमोचन तीनों वितरण कंपनियों के अध्यक्ष एवं पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक विवेक पोरवाल एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने किया।

यहां उल्लेखनीय है कि विद्युत वितरण कंपनियों में खरीदी जा रही विद्युत सामग्री जैसे ट्रांसफार्मर, कंडक्टर, केबिल, बिजली मीटर की गुणवत्ता की जाँच अब समय पर हो सकेगी। इस कार्य के लिए प्रदेश में 10 एनएबीएल मान्यता प्राप्त लेब की स्थापना की जा रही है। देश में पहली बार विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा पूर्णतः ऑटोमेटिक परीक्षण प्रयोगशाला मध्यप्रदेश में स्थापित की जा रही हैं।