कंपनी प्रबंधन के मकड़जाल में उलझा विद्युत कर्मी, हर समय मंडरा रहा करंट लगने का खतरा

विद्युत तंत्र को सुचारू रूप से चलायमान रखने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है मैदानी तकनीकी कर्मचारी अथवा लाइनमैन, लेकिन आश्चर्य की बात है कि कंपनी प्रबंधन सबसे ज्यादा शोषण इन्हीं कर्मियों का करता है। चाहे वो कंपनी के नियमित विद्युत कर्मी हो या फिर संविदा और आउटसोर्स कर्मी, सभी मैदानी विद्युत कर्मियों से नियम विरुद्ध जाकर कार्य करवा लिया जाता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों में अव्यवस्था हावी है। तकनीकी कर्मचारी संघ के अवगत कराए जाने के बाद भी विद्युत कंपनी प्रबंधन गहरी नींद में सोया हुआ है और इधर पोल पर चढ़कर कार्य करने वाले विद्युत कर्मियों पर करंट लगने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कई विद्युत कंपनियों का मुख्यालय होने के बाद भी जबलपुर में मैदानी विद्युत तंत्र को तहस नहस किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पास अनेक लाइन कर्मियों ने शिकायत की है कि जबलपुर नगर वृत के अंतर्गत सभी पांचों संभागों में पोल से उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचने वाली सर्विस लाइन मकड़ी के जाल की तरह गुथ गयी है।

उस पर निजी कंपनी जिओ की टीवी केबल पोल में क्लैंप से कसकर पूरे जबलपुर शहर में जाल फैलाई जा रही है। सर्विस लाइन के मकड़ जाल के बीच और अन्य तरह की केबल लगने से विद्युत कर्मियों को उपभोक्ताओं की बिजली बंद होने की शिकायत पर पोल में चढ़कर कार्य करने में बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि पोल पर केबल इस तरह से लगाई गई है कि हमेशा पोल में चढ़ने-उतरने के दौरान दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। लाइन कर्मियों के द्वारा अनेक बार जमीनी अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया है, लेकिन केबल लगा रही निजी कंपनी पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों के यही हाल हैं और ये भी तय है कि इसकी जानकारी विद्युत कंपनियों के प्रबंधन को भी है, लेकिन सब गहरी नींद में सोए हुए हैं, जब कोई बड़ा हादसा घटित होगा, तब औपचारिकता करने के लिए जागेंगे और फिर गहरी नींद में सो जाएंगे।

संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, शशि उपाध्याय, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, अरुण मालवीय, मुकेश पटेल, इंद्रपाल, संजय वर्मा, सुरेंद्र मेश्राम, अनूप तिवारी, मदन पटेल, दशरथ शर्मा, राजेश यादव, टी डेबिट, लखन राजपूत, ख्यालीराम, गोपाल यादव, राम शंकर महेश पटेल, नीरज पटेल आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि विद्युत पोल पर केबल लगा रही जिओ कंपनी के प्रबंधन के द्वारा लाइन कर्मियों का 20 लाख का दुर्घटना बीमा कराया जाए।