बिजली कर्मियों की मांगों की अनदेखी से कार्मिकों में बढ़ रहा आक्रोश, एक साथ आए सभी प्रमुख संगठन

एमपी के बिजली कर्मियों की मांगों की अनदेखी के चलते बिजली कंपनियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

प्रदेश सरकार और बिजली कंपनी प्रबंधन के विरुद्ध और बिजली कर्मियों की मांगों के समर्थन में प्रदेश के प्रमुख कर्मचारी संगठनों मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ, यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंव इंजीनियर्स और पावर इंजीनियर्स एवं एम्पलाईज एसोसिऐशन ने एक साथ आने का निर्णय लिया है।

कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांग है कि ज्वाइंट वेन्चर एवं टीबीसीबी वापिस ले। पेंशन की सुनिश्चति व्यवस्था, डीआर के आदेश, चतुर्थ वेतनमान के आदेश। 3 को समाप्त करें।

संविदा कर्मियों का नियमितिकरण एवं सुधार उपरांत वर्ष 2023 संविदा नीति लागू करें। आऊटसोर्स कर्मियों की वेतन वृद्धि के साथ 20 लाख का दुर्घटना बीमा एवं 3000 रूपये जोखमि भत्ता करें।

इसके अलावा अन्य मांगे जैसे सभी वर्गों की वेतन विसंगतियां, अनुकंपा नियुक्ति में मध्यप्रदेश शासन अनुसार नीतियों में सुधार, कैसलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, गृह जिले में स्थानांतरण, संगठनात्मक संरचना का पुर्नरिक्षण एवं अन्य।

तीनों प्रमुख कर्मचारी संगठनों के द्वारा 2 अक्टूबर 2023 गांधी जंयती शांतिपूर्ण तरीके से उपवास कर मौन धारण एवं भजन कीर्तन कर ध्यानाकर्षण किया जाएगा और इसके पश्चात 6 अक्टूबर 2023 से अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा ।