जबलपुर में रोड साईकिलिंग प्रतियोगिता बनी औपचारिकता, की गई नियमों की जानलेवा अनदेखी

मध्य प्रदेश में 67वीं राज्य स्तरीय रोड साईकिलिंग प्रतियोगिता महज औपचारिकता बन कर रह गई। जबलपुर में आयोजित प्रतियोगिता में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय नियमों और मापदण्डों की जानलेवा अनदेखी की गई।

रोड साईकिलिंग प्रतियोगिता के राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय मापदण्डों के अनुसार न्यूनतम दूरी 8 किमी, रोड चौडाई 30 फीट, कोई भी कनेक्टिंग रोड न हो, रोड में पशु न हों, रोड पर डिवाइडर न हों, टर्निंग एण्ड स्टार्टिग प्वाइंट 50 मीटर चौडा हो, एम्बुलेंस एवं डॉक्टर की सुविधा हो, पायलेट व्हीकल हो, ट्रैफिक कंट्रोल जवानों की तैनाती होनी चाहिए, किन्तु जबलपुर में आयोजित प्रतियोगिता में रोड साईकिलिंग प्रतियोगिता के दौरान यह सारी तकनीकी कमियां रहीं।

मप्र तृतीय वर्ग शास. कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञाप्ति में बताया की इन तकनीकी खामिमों के बीच मेजबान जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा रोड साईकिलिंग प्रतियोगिता की मात्र औपचारिता ही की गई। जिससे प्रतिभागी खिलाड़ी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जबकि संस्कारधीन जबलपुर रोड साईकिलिंग के एनआईएस कोच एवं एक्सपर्ट उपलब्ध होने के बाद भी उन्हें प्रतियोगिता में न बुलाया जाना समझ से परे है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, चन्दु जाउलकर, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा आदि ने जबलपुर कलेक्टर से रोड साईकिलिंग प्रतियोगिता में नियमों की धज्जियां उडाने वाले जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्यवाही की मांग की है।