एनटीपीसी ने शुरू की देश की सबसे बड़ी तैरती सोलर पीवी परियोजना

नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अपने सिम्हाद्री थर्मल स्टेशन के जलाशय पर 25 मेगावाट की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना की शुरूआत की है। यह भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में अधिसूचित फ्लेक्सिबिलाइजेशन योजना के तहत स्थापित की जाने वाली पहली सौर परियोजना भी है।

सौर पीवी परियोजना का उद्घाटन एनटीपीसी के आरईडी (डब्ल्यूआर2 और एसआर) संजय मदान के द्वारा किया गया। जलाशय में स्थापित किये गए इस तैरते हुए सोलर इंस्टॉलेशन को अद्वितीय एंकरिंग डिज़ाइन में बनाया गया है और यह एक आरडब्ल्यू जलाशय में करीब 75 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस फ्लोटिंग सोलर परियोजना के जरिये 1 लाख से अधिक सोलर पीवी मॉड्यूल से बिजली पैदा करने की क्षमता है।

इससे न केवल लगभग 7,000 घरों को रोशन करने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि इस परियोजना की पूरी समयावधि के दौरान हर वर्ष कम से कम 46,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड को कम किया जाए। इस परियोजना से प्रति वर्ष 1,3640 लाख लीटर पानी की बचत होने की भी उम्मीद है। इतना पानी 6,700 घरों की वार्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा।

2000 मेगावाट का कोयला आधारित सिम्हाद्री स्टेशन परियोजना बंगाल की खाड़ी से सीडब्ल्यू सिस्टम के लिए समुद्री जल प्राप्त करने वाली पहली बिजली परियोजना है, जो 20 वर्षों से भी अधिक समय से कार्य कर रही है। एनटीपीसी ने सिम्हाद्री में पायलट आधार पर हाइड्रोजन आधारित माइक्रो-ग्रिड प्रणाली स्थापित करने की भी योजना बनाई है।

66900 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ, एनटीपीसी समूह के पास 29 नवीकरणीय परियोजनाओं सहित 71 पावर स्टेशन हैं। एनटीपीसी ने वर्ष 2032 तक 60 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। एनटीपीसी भारत की ऐसी पहली ऊर्जा कंपनी भी है जिसने ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता के हिस्से के रूप में अपने ऊर्जा समझौता लक्ष्यों को घोषित किया हुआ है।

एनटीपीसी समूह के पास 17 गीगावाट से अधिक ऊर्जा क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 5 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं भी शामिल हैं। पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से सस्ती कीमतों पर बिजली की निर्बाध आपूर्ति एनटीपीसी की पहचान रही है।