जिम्मेदार कौन: गरिमा गौतम

पड़ोस के अंकल हैं एक,
गिरकर अचानक
बेहोश हो गए थे।
डरकर घरवाले जल्दी में
अस्पताल ले गए थे।
हड़बड़ी में लेकिन,
पैसे ले जाना भूल गए थे।
हाथ-जोड़ अनुनय-विनय की,
पैरों में भी गिर पड़े थे।
पर डॉक्टर ने देखा भी नहीं,
पैसे जो जमा नहीं हुए थे।
रोता-बिलखता पुत्र
पैसे लेने घर आया,
अंकल एक-एक सांस,
के लिए तड़प रहे थे।
सामने थे वो जो,
जिंदगी बचा सकते थे।
बेबस अंकल,लाचार पत्नी,
एक दूजे को देखकर रहे थे।
पैसे जमा होने तक,
अंकल जिंदगी की जंग हार चुके थे।
आश्चर्य तो मुझे तब हुआ,
तड़पता हुआ जो देख रहे थे।
स्ट्रेचर पर पड़े रहने का भी,
चार्ज वसूल रहे थे।
कौन था जिम्मेदार
अंकल की मौत का,
बेटा, पैसा या डॉक्टर?
मेरा ऐसे धन-लोलुपों,
से है यही सवाल।
कैसे इतने निर्मम, निर्दय,
मानवता रहित हो जाते हो।
अपने बंगलों की ईंट में,
किसी के बिके खेत की
ईंट लगवा लेते हो ?
कैसे, कैसे?

गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान