वायु सेना की शक्ति में होगी वृद्धि, मोदी सरकार ने दी एचएएल से 83 तेजस लड़ाकू विमान खरीदने की मंजूरी

भारतीय वायु सेना के बुनियादी ढांचे के विकास और वायु सेना की शक्ति में वृद्धि करने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने अनेक निर्णय लिए। बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 45,696 करोड़ रुपये की लागत से 73 एलसीए तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान और 10 एलसीए तेजस एमके-1 ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दे दी है। इसके साथ डिजाइन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।

हल्‍के लड़ाकू विमान एमके-1ए स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक 4+ पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। यह विमान इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए सक्रिय एरे रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर स्‍वीट और एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है, जो भारतीय वायु सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म होगा।

यह 50 प्रतिशत की स्वदेशी सामग्री के साथ लड़ाकू विमानों की श्रेणी की पहली खरीद (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) है जो कार्यक्रम के अंत तक धीरे-धीरे 60 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।

मंत्रिमंडल ने परियोजना के तहत आईएएफ द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास को भी मंजूरी दे दी है, ताकि वे अपने बेस डिपो में मरम्मत या सर्विसिंग को सक्षम बना सकें, ताकि मिशन क्रिटिकल सिस्टम के लिए विमान में माल लादने और उतारने का समय कम हो जाए और परिचालन उपयोग के लिए विमान की उपलब्धता बढ़े। यह आईएएफ को संबंधित अड्डों पर मरम्मत के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के कारण बेड़े को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम करेगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में उन्नत अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों के डिजाइन, विकास और निर्माण स्वदेशी रूप से करने की अपनी शक्ति में वृद्धि कर रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा हल्‍के लड़ाकू विमान के निर्माण से आत्मनिर्भर भारत पहल को और अधिक बढ़ावा मिलेगा और देश में रक्षा उत्पादन और रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।