Tuesday, November 26, 2024
Homeसाहित्यराष्ट्र गौरव की पताका: संजय कुमार राव

राष्ट्र गौरव की पताका: संजय कुमार राव

राष्ट्र गौरव की पताका
धर हृदय में ध्यान कर लूँ
मातृभू तव अर्चना में
भेंट अपनी जान कर दूँ

ले रहा सागर हिलोरें
राह तकती हैं हवाएं
शक्ति का संचार करती
तड़ित संग थिरती घटाएं
लख समय की मांग को मैं
रण समर को कूच कर दूँ
मातृभू तव अर्चना में
भेंट अपनी जान कर दूँ
राष्ट्र गौरव की पताका

आज चिंतित है हिमालय
देख सीमा की फिजां को
चीनियों की कुटिल चालें
और उनकी क्षुद्रता को
दुश्मनों की लालसा का
चल अभी प्रतिकार कर दूँ
मातृभू तव अर्चना में
भेंट अपनी जान कर दूँ
राष्ट्र गौरव की पताका

पाक की नापाक हरकत
दुष्टता की इन्तहा को
कर मिटाना है जरूरी
आज उनकी हेकड़ी को
कपटता की सब हदों को
आज मैं नाकाम कर दूँ
मातृभू तव अर्चना में
भेंट अपनी जान कर दूँ

राष्ट्र गौरव की पताका
धर हृदय में ध्यान कर लूँ
मातृभू तव अर्चना में
भेंट अपनी जान कर दूँ

संजय कुमार राव
[email protected]

संबंधित समाचार

ताजा खबर