हर किसी के जीवन में
कुछ दरियादिल दोस्त होते हैं
जो समय-समय पर
अपनी आत्मीयता और उदारता की सुगंध से
महकाते रहते हैं दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती में जब कभी
कुछ लेन-देन या खान-पान होता है
पैसे देने के वक़्त
वे गलती से भी अपनी जेब में
हाथ नहीं डालते
वे कभी ख़ुद आगे बढ़कर
पैसे देने की ज़िद नहीं पकड़ते
उस घड़ी वे
कुछ गुर-गम्भीर सोचने में मशगूल होते हैं
या किसी अदृश्य में बारीकी से
कुछ निहार रहे होते हैं
वे यह बड़प्पन स्वयं न लेकर
सामने वाले दोस्त को ही देते हैं
वे खुद बड़ा न होकर
दोस्त को आगे बढ़ने की
चाह और राह दिखाते हैं
अपने अजीज को वे
आत्मीयता के अवसर से
वंचित नहीं रखना चाहते हैं
ऐसे दोस्त
हर किसी की जिंदगी में आते हैं
और जिनकी जिंदगी में नहीं आते हैं
वे लोग आजीवन
सच्ची दोस्ती का अर्थ भी
जान नहीं पाते हैं
जसवीर त्यागी
नई दिल्ली