मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर गुरुवार की रात राजधानी भोपाल से अचानक ग्वालियर पहुंचे और सीधे यहां के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इसके बाद वे शुक्रवार की सुबह वह अचानक मोतीझील स्थित बिजली कंपनी के मुख्यालय पहुंच गए।
उन्होंने वहां पहुंचकर अधिकारियों से शहर में आए दिन होने वाली बिजली ट्रिपिंग की घटनाओं का कारण जानने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें लोड बढ़ने और पशु पक्षी के कारण ट्रिपिंग होना बताया।
इस दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मुख्यालय से निकले तो मोती झील के सामने लगे एक ट्रांसफार्मर पर उन्होंने चिडय़िा के घोसले और पेड़ों की कुछ डालियां देखी। इस पर उन्होंने अधिकारियों से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब मुख्यालय के सामने ही इस तरह की मेंटेनेंस में लापरवाही की जा रही है तो शहर के अन्य इलाकों में क्या हाल होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है।
उन्होंने मौके पर ही बिजली कंपनी के अधिकारियों को बुलाया और मैदानी अमले के सामने ही सीढ़ी लगाकर ट्रांसफार्मर पर चढ़कर वहां से झाडिय़ां हटाई। उन्होंने कहा कि वह मेंटेनेंस को लेकर आ रही शिकायतों को लेकर भी कभी भी प्रदेश में आकस्मिक निरीक्षण कर सकते हैं। इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी और जरूरत पड़ी तो प्रशासनिक सर्जरी भी होगी। इस लापरवाही पर नोटिस दिया है।
इसके बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर कहा कि मेरा विद्युत विभाग के प्रमुख सचिव, तीनों कंपनियों के मुख्य प्रबंधक को मेरा निर्देश है समूचे मध्य प्रदेश में जहां-जहां ट्रिपिंग होगी, वहाँ यह जनता का सेवक खड़ा होकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगा। जनता जनार्दन को कोई असुविधा का सामना न करना पड़े। गरीब के घर तक निर्बाध रूप से बिजली पहुँचे यही हमारा लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि यदि आकस्मिक निरीक्षण में कहीं भी पेड़ पौधे अथवा पशु पक्षियों के घोंसले के कारण ट्रिपिंग होती पाई गई तो वे खुद भी ट्रांसफार्मर पर चढ़ेंगे और अधिकारियों को भी ट्रांसफार्मर पर चढवाएंगे।