आयुध निर्माणी संघर्ष समिति के ओएफके लेबर यूनियन, सुरक्षा कर्मचारी यूनियन इंटक एवं कामगार यूनियन ने वेस्टलैंड गुरुद्वारा के पास आयुध निर्माणियों के निजीकरण का पुतला फूंका, साथ ही धरने पर बैठे तीनों यूनियन के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह, राजेंद्र कुमार एवं अमित चौबे के बदले तीनों यूनियन के महामंत्री अर्नब दासगुप्ता, आनंद शर्मा एवं रूपेश पाठक धरने पर बैठे।
इस कार्यक्रम पर वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस तिवारी, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के संगठन मंत्री वरिष्ठ नेता नरेंद्र तिवारी, इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं जेसीएम I I सदस्य अरुण दुबे, ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन के संगठन मंत्री रामप्रवेश, हिंद मजदूर सभा के प्रदेश सचिव नेम सिंह एटक, जबलपुर शाखा के पीके बोस आदि ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई अब तब तक नहीं थमेगी जब तक सरकार यह मजदूर विरोधी फैसला वापस नहीं ले लेती।
कर्मचारी नेताओं ने यह भी कहा की जबलपुर की मुख्य आय का स्रोत निर्माणी कर्मचारियों से ही आता है। जबलपुर के बाजार निर्माणियों के कर्मचारी पर ही निर्भर हैं। निगमीकरण का फैसले से न केवल फैक्ट्री कर्मचारी एवं उनके परिवारों को नुकसान होगा, बल्कि इसके चलते संपूर्ण जबलपुर के बाजारों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। इस अवसर पर सैकड़ों के संख्या पर कर्मचारी एवं 506 आर्मी बेस वर्कशॉप के नेता भी मौजूद रहे।