मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित की गई बिजली अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संगठन यूनाइटेड फोरम की बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर सिर्फ आश्वासन दे रहे है और सरकार लगातार बिजली कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा कर रही है।
फोरम के संयोजक व्हीकेएस परिहार ने बताया कि एमपी यूनाइटेड फोरम के 52 जिलों के पदाधिकारी की उपस्थिति में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि बिजली कर्मी अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जाएंगे और बिजली कर्मचारियों ने मांगे पूरी करने के लिए सरकार को 1 महीने का समय दिया है।
बिजली कर्मियों की ये है मांग-
1. केंद्र सरकार वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिए प्रस्तावित विद्युत सुधार अधिनियम-21 लागू न करे।
2. सभी वर्गों के संविदा विद्युत कार्मिकों को आंध्र प्रदेश और बिहार की तरह नियमिय किया जाए।
3. आउटसोर्स कर्मियों की सेवा सुरक्षित रखते हुए तेलंगाना, दिल्ली व हिमाचल प्रदेश की तरह भर्ती की जाए।
4. विद्युत कंपनी के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को फ्रंट लाइन कर्मचारियों की श्रेणी में रखकर मुख्यमंत्री कोविड-19 का लाभ दिया जाए।
5. रिटायर होने के बाद लंबित ग्रेच्युटी, जीपीएफ, अवकाश नकदीकरण,पेंशन आदि वर्षों से लंबित देय भुगतान तत्काल किया जाए।
6. विद्युत कंपनियों में वरिष्ठता और उच्च वेतनमान के आधार पर सभी वर्गों में रिक्त उच्च पदों के चालू प्रभार प्रदान किए जाएं और रिक्त पदों को भरा जाए।
7. मध्य प्रदेश शासन के नियमानुसार सभी प्रकार के मृत्यु प्रकरणों में विद्युत अधिकारी-कर्मचारयों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
8. राष्ट्रीय पेंशन योजना में शासकीय अंशदान वेतन और मंहगाई भत्ते का 14 प्रतिशत किया जाए।
9. नियामक आयोग के निर्देशानुसार 750 करोड़ रुपये की राशि पेंशन ट्रस्ट में जमा कर उत्तर प्रदेश शासन की तरह राज्य शासन पेंशन गारंटी लेकर पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से कराए।
10. सातवें वेतनमान की विसंगतियों का निराकरण किया। इसमें वर्ष 2006 के पूर्व एवं बाद में नियुक्त अभियंताओं में वर्गीकरण किया गया है।
11 .ट्रांसमिशन कंपनी में नियुक्त आईटीआई की योग्यता रखने वाले परीक्षण सहायक को तृतीय श्रेणी में रखकर 2500 रुपये का ग्रेड-पे निर्धारित किया जाए।
12. अधिकारियों एवं कर्मचारियो के लिए पुरानी वेतन व्यवस्था लागू की जाए।
13. अनुभाग अधिकारी के ग्रेड पे को राज्य शासन के वित्त विभाग के आदेश अनुसार 4400/- में संशोधित ग्रेड पे 4200/- से 4800/- के समान वृद्धि की जाए।
14. वेतनमान से संबंधित सभी वर्गों की विसंगतितियो का निराकरण किया जाए।
विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में मानव संसाधन से संबंधित नियमों में एक रूपता प्रदान की जाए।
15. कंपनी कैडर में कार्यरत सभी नियमित और संविदा कर्मचारियों को गृह जिले में पदस्थ करने की नीति लागू की जाए।
16. कंपनी कैडर के सभी नियमित और संविदा कर्मचारी-अधिकारियों को 50 प्रतिशत और सेवानिवृत कर्मचारी-अधिकारियों को बिजली बिल में 25 प्रतिशत छूट दी जाए।
17. केंद्र के द्वारा घोषित महंगाई भत्ते और 2 वर्षों से रोकी गई वेतन वृद्धि लागू कर बकाया राशि का भुगतान किया जाए।
18. सभी कंपनियों में संगठनात्मक संरचना पुनर्गठित कर खाली पदों को तत्काल भरा जाए।