मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं एवं 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं के लिए तैनात किए गए पर्यवेक्षकों को पुरानी दरों से मानदेय दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम हैं।
वहीं बोर्ड द्वारा छात्रों से लेट फीस के नाम पर 100 गुना अधिक फीस वसूल की जाती है, किन्तु परीक्षा केन्द्रों में छात्रों को कोई सुविधायें उपलब्ध नहीं कराई जाती है और न ही परीक्षा कार्य में लगे पर्यवेक्षकों को सम्मानजक मानदेय दिया जाता है। जहां सुबह 10 बजे से प्रारंभ होने वाली परीक्षाओं में पर्यवेक्षकों को दो घण्टा पहले बुला लिया जाता है तथा परीक्षा के दो घण्टे बाद तक परीक्षा केन्द्र में रुकना पड़ता है। मण्डल द्वारा इतने परिश्रम का इतना कम मानदेय समझ से परे है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, मिर्जा मंसूर बेग, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, श्यामनारायण तिवारी, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, डॉ संदीप नेमा, सुरेन्द्र जैन, संत कुमार छीपा, मनीष लोहिया, राकेश सेंगर, मनोज पाटकर, आशुतोष तिवारी, डॉ संदीप नेमा, सुरेन्द्र जैन, श्रीराम झारिया, प्रमोद पासी, श्यामबाबू मिश्रा, नतिन शर्मा, मनोज सेन, महेश कोरी, मो. तारिक, धीरेन्द्र, संतोष तिवारी आदि ने सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल मप्र भोपाल से मांग की है कि बोर्ड परीक्षा में लगे पर्यवेक्षकों को नवीन दरों के मान से मानदेय दिया जाये।