एमपी में शासकीय कर्मियों स्थिति दयनीय: अतिरिक्त प्रभार, 12 घंटे कार्य और अवकाश भी नहीं

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की विगत लगभग 10 वर्षों से राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो रही है। कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही सेवा निवृत्त हो जा रहे है। पदोन्नति न होने के प्रदेश के सभी विभागों में प्रभारी बनाने की व्यवस्था लागू की गई है।

प्रभारी बनाने की व्यवस्था के चलते कनिष्ठ लोक सेवक से वरिष्ठ पद का काम लिया जा रहा है तथा वेतन उसे कनिष्ठ पद का ही दिया जा रहा है। 8 घण्टे के स्थान पर 12 घण्टे, अवकाश के दिवसों में भी कार्य करवाया जा रहा है, लेकिन वेतन में कोई बढोतरी नहीं कि गई है। वरिष्ठ पद पर कार्य करने वाले प्रभारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभारी भत्ता दिया जाना चाहिए, जिससे अधिकारी और कर्मचारी लगन से रूचि लेकर कार्य कर सकें।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मंसूर बेग, दुर्गेश पाण्डे, योगेन्द्र मिश्रा, अजय ठाकुर, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, श्यामनारायण तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, गगन चौबे, विनय नामदेव, मनीष लोहिया, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, विष्णु पाण्डे, संतोष तिवारी, पवन ताम्रकार, आदित्य दीक्षित, मनीष शुक्ला, सुदेश पाण्डे, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्ती आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि बिना प्रमोशन के कम पर काम करने वाले प्रभारियाें को अतिरिक्त मानदेय दिया जाये।