संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और दबावग्रस्त संपत्तियों के समाधान के कारण आरईसी ने तिमाही और वार्षिक श्रेणी में अब तक का सर्वाधिक लाभ दर्ज किया है। आरईसी ने तिमाही 3,001 करोड़ रुपये और वार्षिक 11,055 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया। आरईसी लिमिटेड के निदेशक मंडल ने मुंबई में अपनी बैठक में 31 मार्च, 2023 को समाप्त तिमाही और वर्ष के लिए लेखापरीक्षित स्टैंडअलोन और समेकित वित्तीय परिणामों को स्वीकृति दे दी।
इसके परिणामस्वरूप 31 मार्च, 2023 को समाप्त वर्ष के लिए ईपीएस (आय प्रति शेयर) 31 मार्च, 2022 को 38.02 प्रति शेयर की तुलना में 41.86 प्रति शेयर है। मुनाफे में वृद्धि के कारण नेट वर्थ 31 मार्च, 2023 को 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 57,680 करोड़ रुपये हो गया है। लोन बुक ने अपने विकास पथ को बनाए रखा है और 31 मार्च, 2022 को 3.85 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 13 प्रतिशत बढ़कर 4.35 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार का संकेत देते हुए प्रावधान कवरेज के साथ शुद्ध क्रेडिट-क्षीण संपत्ति 1.01 प्रतिशत तक कम हो गई है। 31 मार्च, 2023 को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों पर 70.64 प्रतिशत का अनुपात रहा। कंपनी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 31 मार्च, 2023 तक 25.78 प्रतिशत के स्तर पर है। यह भविष्य में विकास का पर्याप्त अवसर प्रदान करता है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में
आरईसी लिमिटेड एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वर्ष 1969 में स्थापित आरईसी लिमिटेड ने अपने संचालन के क्षेत्र में पचास वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह उत्पादन, पारेषण, वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराती है। आरईसी की फंडिंग भारत में हर चौथे बल्ब को रोशन करती है।