पाँच दिवसीय दीपोत्सव के अंतिम दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व भाई दूज मनाया जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भ्रात द्वितीया और यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उसके उज्ज्वल भविष्य और लंबी आयु के लिए कामना करती हैं। साथ ही भाई भी अपनी बहन को यथाशक्ति कुछ उपहार देते हैं। इसके अलावा कायस्थ समाज इस दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त का पूजन करता है। वहीं कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते हैं।
भाई दूज के दिन अपनी बहन के घर में भोजन करने की परंपरा है। ऋगवेद में वर्णन मिलता है कि यमुना ने अपने भाई यम को इस दिन खाने पर बुलाया था, इसीलिए इस दिन को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन यमुना नदी में डुबकी लगाने से पुण्य मिलता है और पापों का नाश होता है।
पद्मपुराण के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन अपनी बहन के घर भोजन करता है, वो साल भर किसी झगड़े में नहीं पड़ता और उसे शत्रुओं का भय नहीं होता है। हर तरह के संकट से भाई को छुटकारा मिलता है और उसका कल्याण होता है। अगर आपकी अपनी बहन न हो तो चाचा, बुआ या मौसी की बेटी यानि रिश्ते की बहन के साथ भाई दूज दूज मनाना चाहिए और अगर वो विवाहित है तो उसके घर जाकर भोजन करना चाहिए।
सनातन परंपरा के अनुसार यम द्वितीया का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। तिथि के अनुसार भाई दूज इस साल 14-15 नवंबर 2023 दो दिन मनाया जाएगा। सनातन पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि मंगलवार 14 नवंबर 2023 को दोपहर 2:36 बजे से आरंभ होगी और द्वितीया तिथि का समापन बुधवार 15 नवंबर 2023 को दोपहर 1:47 बजे होगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भाई दूज की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर 2023 को दोपहर 1.:10 बजे से दोपहर 3:19 बजे तक है। इस दिन भाई दूज पर शोभन योग भी बन रहा है, जो शुभ फलदायी माना गया है। वहीं उदया तिथि अनुसार भाई दूज बुधवार 15 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन भाई को टीका करने के लिए सुबह 10:45 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक शुभ मुहूर्त है। 15 नवंबर को भाई दूज के दिन दो शुभ योग अतिगंड योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं। अतिगंड योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 12:08 बजे तक है, उसके बाद से सुकर्मा योग बन रहा है, जो पूरे दिन है।