Monday, November 18, 2024
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आस्था के दीप: तमसो मा ज्योतिर्गमय का संदेश देगी ‘रामज्योति’

अयोध्या (हि.स.)। भगवान राम इस देश की मिट्टी का प्रतीक हैं, आस्था का प्रतीक हैं और इस देश की संस्कृति का प्रतीक हैं। जिस पावन धरा की मिट्टी में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र ने जन्म लिया, उस अयोध्या की मिट्टी के दर्शन करने निरंतर श्रद्धालु आ रहे हैं और 22 जनवरी के बाद तो असंख्य श्रद्धालु यहां आएंगें। जिस माटी (रामनगरी) पर सदियों इंतजार के बाद रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है, 22 जनवरी को अब उसी धरा की पावन मिट्टी से ‘रामज्योति’ न केवल अयोध्या, बल्कि देश-दुनिया में प्रज्ज्वलित होगी।

फिलहाल, श्रीरामलला व हनुमानगढ़ी का दर्शन करने आए श्रद्धालु यहां के कुम्हारों से दीप खरीदकर ले जा रहे हैं, जिसे 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत शाम को अपने घरों पर रामज्योति जलाकर दीपोत्सव मनाएंगे। वहीं मद्धिम सा जलता हुआ मिट्टी का दीया पंरपरा को जीवित रख ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ (अंधकार से प्रकार की ओर चलो-बढ़ो) का संदेश देंगे।

वर्ष में दो बार दीपोत्सव मनाने का अवसर मुहैया करा रही योगी सरकार

ऑफ सीजन में दीयों की एडवांस बुकिंग आने से कुम्हारों के चाक रात-दिन घूम रहे हैं और भट्टियां सुलग रही हैं। पहली बार कुम्हारों के लिए होली से पहले दिवाली जैसा माहौल है। कुम्हारों को दीपोत्सव पर बड़ा बाजार मिला। अब कुम्हारों को आर्थिक रूप से और स्वावलंबी बनाते हुए योगी सरकार इन्हें वर्ष में दो बार दीपोत्सव मनाने का अवसर मुहैया करा रही है। कुम्हार अशोक प्रजापति बताते हैं कि मौसम प्रतिकूल और समय कम है, लिहाजा छोटा दीपक बना रहे हैं। ऐसे और लोग भी दीपक बनाने के काम में जुटे हैं।

देश-प्रदेश की समृद्धि बढ़ाता जा रहा दीपोत्सव

योगी आदित्यनाथ ने जब 2017 में सत्ता संभाली, तभी से वे निरंतर दीपोत्सव का आयोजन करा रहे हैं। वर्ष दर वर्ष यह आयोजन दिव्य से दिव्यतम होता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी भी कहते हैं कि अब अयोध्या की गलियों में गोली नहीं चलती, बल्कि दीपोत्सव होता है। 2017 में 1.71 लाख दीपों से शुरू हुआ दीपोत्सव महज सात वर्षों में 22.23 लाख दीपों तक पहुंच गया। यह रिकॉर्ड बनाने के साथ ही प्रदेश व देश की समृद्धि को भी बढ़ाता जा रहा है।

राम आएंगे तो दीप जलाएंगे

22 जनवरी सनातन धर्मावलंबियों के लिए काफी प्रेरणादायी है, क्योंकि इसी दिन श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इस दिन हर भारतवासी अपने घरों में राम ज्योति प्रज्ज्वलित करेंगे। रामभक्तों का कहना है कि दीपोत्सव श्रीराम के अयोध्या आगमन पर ही मनाया जाता है। अब तो श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में आ रहे हैं, इसलिए यह दीपोत्सव सबसे बड़ा होगा। कार्तिक के बाद इस महीने भी अब हर वर्ष दीपोत्सव होगा।

राम की पैड़ी से लेकर मठ-मंदिर तक होंगे रौशन

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामनगरी 10 लाख से दीपों से जगमगाएगी। ये दीया अयोध्या की पवित्र मिट्टी से बनाए जा रहे हैं। दर्जनों कुम्हार इस कार्य में जुटे हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत रामनगरी को लगभग 10 लाख दीपों से सजाया जाएगा। राम की पैड़ी, अयोध्या के मठ-मंदिर, प्रमुख चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। इसके लिए स्थानीय कुम्हारों से ही दीपक खरीदे जा रहे हैं।

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