Monday, November 25, 2024
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है ना ताज्जुब! बिजली कंपनी में एक ही पद पर कार्य करते हुए 36 साल, लाइनमैनों को नहीं मिली एक भी पदोन्नति

बिजली कंपनी के लाइनमैनों को 36 साल से पदोन्नति लाभ नहीं दिया जा रहा है, जिससे वे हताश हो रहे हैं। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने एमपी की सभी बिजली कंपनियों के प्रबंधन का ध्यानाकर्षण करते हुए बताया कि वर्ष 1988 से लाइन कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी गई है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विद्युत मंडल के अस्तित्व के दौरान लाइनचारकों को नियमित किया गया था, लेकिन उसके बाद उनको पिछले 36 वर्षों से पदोन्नति नहीं दी गई है। इस समयावधि में लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा लाइन परिचारक सेवानिवृत्त हो गए, जबकि लाइन परिचारकों को विद्युत मंडल एवं उत्तरवर्ती कंपनियों के द्वारा तीनों उच्च वेतनमान दिए गए हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आज की स्थिति में विद्युत मंडल की कंपनियों में लगभग 20 प्रतिशत लाइन परिचारक बचे हुए हैं, उनको एक ही पद पर कार्य करते हुए 36 साल हो गए हैं और वह सभी लाइन इंस्पेक्टर का वेतनमान ले रहे हैं, तो उन बाकी बचे 20 प्रतिशत लाइन परिचारकों को पदोन्नति दी जा सकती है।

इसके अलावा विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा पदोन्नति पर रोक लगा दी गई है, वहीं दूसरी ओर जिनको पदोन्नति नहीं चाहिए उन्हें जबरदस्ती कंपनी प्रबंधन पदोन्नति दे रहा। जैसे जिन परीक्षण सहायकों की भर्ती वर्ष 2013 में की गई थी, उन्हें कंपनी प्रबंधन के द्वारा जबरदस्ती परीक्षण सहायक के मूल पद से हटाकर बाबू, टाइपिस्ट, मीटर रीडर, जूनियर इंजीनियर बनाया जा रहा है जो कि गलत है।

संघ के केएन लोखंडे, एसके मौर्य, एसके सिंह, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, अमीन अंसारी, राकेश नामदेव, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, राहुल दुबे, दशरथ शर्मा, संदीप दीपंकर, अरुण मालवीय, आजाद सकवार, सुरेंद्र मेश्राम, संजय वर्मा आदि ने कंपनी प्रबंधनों से मांग की है कि जिन लाइन परिचारकों को लगातार कार्य करते हुए 36 वर्ष हो गए हैं एवं तीनों उच्च वेतनमान दिया जा चुका है, उन सभी लाइन परिचारकों को पदोन्नति दी जाए।

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